भारत ने गुरुवार को पाकिस्तानी मंत्री शिरीन मजारी द्वारा कश्मीर मामले पर संयुक्त राष्ट्र को लिखे गए पत्र को खारिज करते हुए कहा कि इसका उतना मूल्य भी नहीं है, जितना मूल्य उस कागज का है, जिस पर इस पत्र को लिखा गया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, "सच कहूं, तो मैं इस कोई प्रतिक्रिया व्यक्त कर इस पत्र को महत्व नहीं देना चाहता. सीधे शब्दों में कहूं तो यह पत्र उस कागज के इतना भी महत्व नहीं रखता, जिस पर इसे लिखा गया है."
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पाकिस्तानी मंत्री शिरीन मजारी ने संयुक्त राष्ट्र के 18 विशेष पर्यवेक्षकों को एक विस्तृत पत्र लिख कर भारत द्वारा जम्मू और कश्मीर का विशेष दर्जा रद्द करने के बाद वहां व्यापक मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाया है, जिसे उन्होंने 'जबरदस्ती राज्य-हरण' करार दिया है और कहा कि इसलिए यह गैर-कानूनी है. उन्होंने कहा, दुनिया 'पाकिस्तान की मंशा को समझती है', जो कश्मीर को लेकर भारत के लिए परेशानी खड़ा करना चाहता है.
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उन्होंने पाकिस्तानी नेतृत्व द्वारा भारत के आंतरिक मामलों पर दिए गए 'अत्यधिक गैर-जिम्मेदाराना' बयानों की कड़ी निंदा की, जिसमें बड़े पैमाने पर मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाया गया था. उन्होंने कहा, "उनका इरादा खतरनाक स्थिति को दर्शाना है, जो कि जमीनी हकीकत से दूर है। पाकिस्तान को समझना होगा कि दुनिया उसके झूठ को समझती है."
Source : आईएएनएस