पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के बयान पर भारत ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि इमरान खान के बयान से हैरानी नहीं है. उन्होंने जघन्य अपराध की निंदा तक नहीं की.
विदेश मंत्रालय ने कहा, 'हमें इस बात की हैरानी नहीं है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने हमारे सुरक्षा बलों पर हमले को आतंकवाद की कार्रवाई मानने से इंकार कर दिया है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने ना तो इस जघन्य अपराध की निंदा की है और ना ही शोक संतप्त परिवार के लिए दुख जाहिर किया है.
पाकिस्तान करता है झूठा वादा
इसके साथ ही MEA ने कहा, 'पाकिस्तान के पीएम ने कहा कि अगर भारत सबूत देता है तो जांच की जाएगा. यह एक बेकार का बहाना है. 26/11 को मुंबई में हुए हमले में पाक को सबूत मुहैया कराया गया था. इसके बावजूद, मामले में 10 साल से अधिक समय हो गए लेकिन कोई भी कार्रवाई नहीं की गई.'
मसूद अजहर पाकिस्तान में मौजूद
पाकिस्तानी पीएम ने JeM के आतंकवादियों की ओर से किए गए दावों को नजरअंदाज कर दिया है, जिन्होंने इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया. यह एक सर्वविदित तथ्य है कि JeM और उसके नेता मसूद अजहर पाकिस्तान में मौजूद हैं. पाकिस्तान को कार्रवाई करने के लिए ये पर्याप्त सबूत होना चाहिए.
पाकिस्तान के मंत्री आतंकवादियों के साथ साझा करते हैं मंच
इसी तरह पठानकोट में हुए आतंकी हमले पर भी कोई प्रगति नहीं हुई है. पाक के ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए गारंटी एक्शन का वादा खोखला है. इस "नया पाकिस्तान" में मंत्री हाफिज सईद जैसे आतंकवादियों के साथ सार्वजनिक रूप से मंच साझा किया जाता है, जिस पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा मुकदमा चलाया जा रहा है.'
#WATCH MEA Spokesperson Raveesh Kumar reacts to Pakistan PM's statement on #PulwamaTerrorAttack, says 'In this “Naya Pakistan”, Ministers publicly share platforms with terrorists like Hafiz Saeed who have been proscribed by United Nations' pic.twitter.com/FjvQgQ9Z0u
— ANI (@ANI) February 19, 2019
भारत आतंक मुक्त माहौल में बातचीत को तैयार
इसके साथ ही विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने आतंकवाद पर बातचीत के अपनी तत्परता व्यक्त की. भारत ने बार-बार कहा है कि वह आतंक और हिंसा से मुक्त माहौल में व्यापक द्विपक्षीय वार्ता में शामिल होने के लिए तैयार है.
पाकिस्तान आतंकवाद का केंद्र
इसके साथ ही विदेश मंत्रालय ने कहा, 'पाकिस्तान आतंकवाद का सबसे बड़ा शिकार होने का दावा करता है. यह सच से बहुत दूर है. अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इस वास्तविकता से अच्छी तरह परिचित है कि पाकिस्तान आतंकवाद का केंद्र है.'
बता दें कि पाक के पीएम इमरान खान ने मंगलवार (19 फरवरी) को कहा कि बिना किसी सबूत के पाकिस्तान पर आरोप लगाना गलत है, पाकिस्तान को सबसे अधिक दहशतगर्दी से नुकसान हुआ है, 70 हजार पाकिस्तानी आतंकवाद के शिकार हुए हैं.पाकिस्तान का पुलवामा की घटना में कोई हाथ नहीं है. आखिर इससे हमें क्या फायदा मिलने वाला है. हर बार कश्मीर में किसी तरह की गुस्ताखियों को पाकिस्तान के मत्थे मढ़ देना गलत है.
इमरान ने कहा, यदि आपके पास किसी पाकिस्तानी की संलिप्तता के बारे में ऐसी कोई खुफिया जानकारी है जिसके आधार पर कार्रवाई की जा सकती है, तो वह जानकारी हमें दीजिए. मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि हम कार्रवाई करेंगे. हम ऐसा इसलिए नहीं करेंगे क्योंकि हम दबाव में हैं, बल्कि हम इसलिए ऐसा करेंगे क्योंकि वे पाकिस्तान के दुश्मनों की तरह काम कर रहे हैं.'
उन्होंने आगे कहा कि मैं भारतीय मीडिया के माध्यम से सुन और देख रहा हूं कि नेता पाकिस्तान से बदला लेने की अपील कर रहे हैं. यदि भारत सोचता है कि वह पाकिस्तान पर हमला करेगा, तो हम केवल सोचेंगे नहीं बल्कि जवाब देंगे.