एक ओर जहां भारत में कृषि कानूनों को लेकर भारी विरोध हो रहा है तो वहीं दूसरी ओर अमेरिका ने इन कृषि कानूनों का समर्थन किया है. यूएस ने कहा कि इन कृषि कानूनों से बाजारों की दक्षता में सुधार होगा. साथ ही इसके जरिए निजी निवेश भी आकर्षित होगा. विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के बयान का संज्ञान लिया है. उन्होंने कहा कि ये बयान काफी महत्वपूर्ण है.
आपको बता दें कि विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने कृषि सुधार के लिए उठाए गए कदमों को सही बताया है. भारत और अमेरिका दोनों वाइब्रेंट डेमोक्रेसी है. हिंसा की घटनाएं लाल किले पर उसी तरह की भावना पैदा की जैसा कि कैपिटल हिल पर हुआ और दोनों घटनाओं को स्थानीय कानून के हिसाब से संज्ञान लिया गया है. हिंसा रोकने के लिए इंटरनेट से जुड़ा फैसला दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में लिया गया है.
विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि चीन ने एमवी एस्थेनेसिया के नाविकों की अदला बदली की अनुमति दे दी है.एमईए (MEA) ने कहा कि भारत शांति और सद्भाव चाहता है, लेकिन वार्ता को लेकर भारत का स्टैंड क्लियर है कि आतंक और बातचीत एक साथ नहीं चल सकती है.
संपन्न लोकतंत्र के लिए शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन एक पहचान
भारत में चल रहे किसान आंदोलन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अमेरिकी विदेश विभाग के एक प्रवक्ता का कहना है कि अमेरिकी सरकार कृषि के क्षेत्र में सुधार के लिए भारत सरकार के द्वारा उठाए गए कदम का समर्थन करती है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का कहना है कि किसी भी संपन्न लोकतंत्र के लिए शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन एक पहचान है और भारत की सर्वोच्च न्यायालय ने भी इस बात को स्वीकार किया है. प्रवक्ता का कहना है कि भारत में बातचीत के जरिए वहां पार्टियों के बीच पनपे किसी भी मतभेद को हल करने के पक्ष में है.
Source : News Nation Bureau