भारत-चीन तनाव के बीच पूर्वी लद्दाख (Ladakh) में एलएसी पर भारत (India) ने 5 बड़ी सड़कें बनाने का प्रोजेक्ट शुरू किया है. सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र में समग्र बुनियादी ढांचे में सुधार के सरकार के प्रयासों के तहत सड़क विकास परियोजना का काम शुरू किया. गौरतलब है कि चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास न सिर्फ अपने सैनिकों के लिए स्थायी आवास बना रहा है, बल्कि सुगम यातायात के लिए सड़क निर्माण भी कर रहा है. इसको लेकर विगत दिनों विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बीजिंग को कड़ा संदेश देकर शांति के लिए यथास्थिति बरकरार रखने को कहा था. यही नहीं, सेना प्रमुख जनरल नरवणे ने भी सीमा पर चीन (China) से तनाव कम नहीं होने तक भारतीय सैनिकों की तैनाती की बात कही थी.
नौ घंटे की यात्रा होगी साढ़े तीन घंटे में
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि परियोजनाओं में प्रमुख सिंगल लेन सड़कों को डबल-लेन में अपग्रेड करना आदि शामिल है. मंत्रालय ने कहा कि हनुथांग-हैंडनब्रोक-जुंगपाल-तुरतुक सड़क के निर्माण से हनुथांग-हैंडनब्रोक (सिंधु घाटी) और जुंगपाल-तुरतुक (श्योक घाटी) के बीच स्टाकपुचन रेंज के बीच अंतर घाटी संपर्क उपलब्ध होगा. मंत्रालय ने एक बयान में कहा, इससे खारदुंगला दर्रे को पार किए बिना यात्रा का समय मौजूदा नौ घंटे से घटकर साढ़े तीन घंटे हो जाएगा. इसमें कहा गया है कि चार प्रमुख सिंगल लेन सड़कों को सुदृढ करने का काम भी शुरू हो गया है.
यह भी पढ़ेंः अबतक 5 लाख लोगों का धर्म परिवर्तन करा चुका है मौलाना कलीम सिद्दीकी
इन सड़कों का हो रहा है निर्माण
बयान में कहा गया है, इन सड़कों में खालसे से बटालिक तक 78 किलोमीटर (किमी) सड़क, कारगिल से डुमगिल तक 50 किमी सड़क, खालसर से श्योकविया अघम तक 70 किमी सड़क और तांगत्से से लुकुंग तक 31 किमी सड़क शामिल है. सड़क परियोजनाओं के शिलान्यास समारोह में लद्दाख के उपराज्यपाल राधाकृष्ण माथुर, रक्षा सचिव अजय कुमार और बीआरओ के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी शामिल हुए.
HIGHLIGHTS
- एलएसी पर चीन के सैन्य साज-ओ-सामान का जमावड़ा
- भारत ने भी सीमा पर तेज किया सड़कों का निर्माण
- सैनिकों और उपकरणों की ढुलाई हो जाएगा बेहद सुगम