भारत ने शनिवार को राजस्थान के पोखरण फायरिंग रेंज में देश में विकसित एवं हेलीकॉप्टर से दागी जाने वाली टैंक विध्वंसक मिसाइल का शनिवार को सफल परीक्षण किया. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) तथा वायुसेना द्वारा किया गया परीक्षण सफल रहा और इस दौरान मिसाइल सभी मानकों पर खरी उतरी. अत्याधुनिक एमएमडब्ल्यू तकनीक से लैस वायुसेना के लिए विकसित की गई यह मिसाइल 10 किलोमीटर तक के दायरे में लक्ष्यों को ध्वस्त कर सकती है. भारतीय वायु सेना की मारक क्षमता और ज्यादा मजबूत बनाते हुए लंबी दूरी के बम तथा स्मार्ट एंटी एयरफील्ड हथियार के बाद हाल के दिनों में परीक्षण किए जाने वाले स्वदेशी स्टैंड-ऑफ हथियारों की श्रृंखला में यह तीसरी मिसाइल है.
मंत्रालय ने कहा कि परीक्षण अपने सभी मिशन उद्देश्यों को पूरा करने में सफल रहा और निगरानी प्रणाली से समूचे परीक्षण पर नजर रखी गई. इसने कहा कि मिसाइल आधुनिक प्रौद्योगिकी और तकनीक से लैस है जिससे यह सटीक निशाना लगाने में सक्षम है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस ‘स्टैंड ऑफ एंटी टैंक’ (एसएएनटी) मिसाइल के सफल परीक्षण पर परियोजना से जुड़ी टीम को बधाई दी है. मिसाइल के रिलीज मैकेनिजम, एडवांस गाइडेंस सिस्टम, ट्रैकिंग एल्गोरिदम और एकीकृत सॉफ्टवेयर के साथ सभी वैमानिकी प्रणालियों ने संतोषजनक ढंग से प्रदर्शन किया और ट्रैकिंग सिस्टम ने मिशन से जुडी सभी घटनाओं की निगरानी की.
इस मिसाइल को डीआरडीओ की विभिन्न प्रयोगशालाओं के साथ समन्वय और उद्यम भागीदारी में अनुसंधान केंद्र इमारत (आरसीआई), हैदराबाद ने विकसित किया है. डीआरडीओ के अध्यक्ष जी सतीश रेड्डी ने कहा कि एसएएनटी मिसाइल का सफल परीक्षण स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को और बढ़ाएगा. इससे चार दिन पहले डीआरडीओ ने ओडिशा अपतटीय क्षेत्र स्थित एकीकृत परीक्षण केंद्र से सतह से हवा में मार करने वाली ‘वीएल-एसआरएसएएम’ मिसाइल का सफल परीक्षण किया था जो भारतीय नौसेना के अग्रिम पंक्ति के पोतों पर तैनात की जाएगी.
HIGHLIGHTS
- स्वदेशी स्टैंड-ऑफ हथियारों की श्रृंखला में तीसरी मिसाइल
- 10 किमी के दायरे में लक्ष्यों को तबाह करने में सक्षम
- एमएमडब्ल्यू से लैस वायुसेना के लिए तैयार की गई मिसाइल