ईद का चांद देखने के लिए रोजेदारों को अभी और इंतजार करना पड़ेगा। दिल्ली के जामा मस्जिद के शाही अहमद बुखारी ने ऐलान किया है कि भारत में ईद का त्यौहार 16 जून यानी की शनिवार को मनाई जाएगी। क्योंकि गुरुवार को देश के किसी भी हिस्से में चांद का दीदार नहीं हो सका।
ईद-उल-फ़ितर हिजरी कैलंडर (हिजरी संवत) के दसवें महीने शव्वाल यानी शव्वाल की पहली तारीख को मनाई जाती है।
बता दें कि ईद का त्यौहार हर देश में अलग-अलग तारीख को मनाई जाती है।
रमजान के महीने में मुस्लिम समाज के लोग 29 से 30 दिनों तक रोजा रखते हैं और इस साल रमजान का पहला रोजा 17 मई से शुरू हुआ था।
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इस्लाम धर्म में रमजान को सबसे पवित्र महीना माना जाता है। रमजान को अरबी भाषा में 'रमादान' कहते हैं। रमजान के महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रखते हैं।
रमजान के महीने में सूरज छिपने तक बिना कुछ खाये-पिए रोजा रखा जाता है। जो रोजे रखते हैं, वह सवेरे जल्दी उठ कर सुबह से पहले ही खा लेते हैं, जिसे सहरी कहा जाता है। शाम को इफ्तार के साथ रोजा खोला जाता है।
रमजान के पूरे महीने विशेष नमाज अदा की जाती है। पहली बार कुरान के उतरने की याद में मुसलमान पूरे महीने रोजे रखते हैं।
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पूरी दुनिया में मुस्लिम समाज इसे पैगम्बर हजरत मोहम्मद पर पवित्र कुरान के अवतरण के उपलक्ष्य में उपवास और पूरी श्रद्धा से साथ मनाता है।
इस माह को कुरान शरीफ के नाजिल का महीना भी माना जाता है।
ऐसी मान्यता है कि पाक रमजान माह में फर्ज नमाजों का शबाब 70 गुणा बढ़ जाता है।
रमजान का महीना सबाब का महीना होता है। इस्लाम के पांच अन्य स्तंभों में धर्म पर सच्ची श्रद्धा रखना, नमाज पढ़ना, दान देना और हज करना शामिल है।
रमजान के महीने में गरीबों और जरूरतमंदों को दान दिया जाता हैं। इस महीने में अल्लाह से अपने सभी बुरे कर्मों के लिए माफी मांगी जाती है और तौबा के साथ इबादतें की जाती हैं।
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Source : News Nation Bureau