रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सोमवार को भारत-अमेरिका के बीच सैन्य मुद्दों पर हुई बातचीत काफी सफल रही और इसका मकसद दो सबसे बड़े लोकतंत्र के बीच रक्षा संबंधों को सशक्त बनाना था. राजनाथ सिंह और उनके अमेरिकी समकक्ष मार्क टी. एस्पर ने मंगलवार को निर्धारित दोनों देशों के बीच टू प्लस टू बातचीत से पहले विभिन्न रक्षा और सुरक्षा मुद्दों पर बात की. साउथ ब्लॉक में इस द्विपक्षीय बैठक के बाद राजनाथ सिंह ने कहा कि वार्ता सफल रही, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत बनाना था.
सोमवार को हुई बैठक के बाद मंगलवार को भारत और अमेरिका के बीच टू प्लस टू वार्ता होगी जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और रक्षा मंत्री एस्पर और भारत की ओर से विदेश मंत्री एस. जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मौजूद रहेंगे. वार्ता के दौरान महत्वपूर्ण द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों - जिसमें भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन के प्रभाव को बढ़ाने के प्रयासों के साथ-साथ पूर्वी लद्दाख में उसके आक्रामक व्यवहार - पर भी बातचीत होगी.
दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए, चार सैन्य संचार मूलभूत समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है. समझौते काफी हद तक भू-स्थानिक खुफिया से संबंधित है, और रक्षा के लिए नक्शे और उपग्रह चित्रों की जानकारी साझा करना है. दोनों देशों में समुद्री सूचना साझाकरण तकनीकी व्यवस्था पर भी हस्ताक्षर होने की उम्मीद है. पहली 2 प्लस 2 मंत्रिस्तरीय स्तर की बैठक सितंबर 2018 में नई दिल्ली में हुई थी और दूसरी वाशिंगटन डीसी में 2019 में हुई.
अमेरिका ने पिछले कुछ महीनों में, भारत के साथ सीमा गतिरोध, दक्षिण चीन सागर में अपनी सैन्य मुखरता और बीजिंग द्वारा हांगकांग में सरकार विरोधी प्रदर्शनों को संभालने के तरीके सहित कई विवादास्पद मुद्दों को लेकर चीन पर हमले तेज किए हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने पिछले सप्ताह कहा था कि भारत और अमेरिका के बीच दिल्ली में होने वाली तीसरी 2+2 वार्ता में द्विपक्षीय मुद्दों के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर व्यापक चर्चा होगी.
Source : News Nation Bureau