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INDIA Vs Bharat विवाद पर BJP और Congress के बीच तकरार, जानें क्या है पूरा मुद्दा

INDIA Vs Bharat Controversy : देश में भारत और इंडिया के नाम को लेकर राजनीति तेज हो गई है. भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने आ गए हैं. दोनों ने एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं.

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Deepak Pandey
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INDIA Vs Bharat Controversy( Photo Credit : File Photo)

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INDIA Vs Bharat Controversy : देश के अंग्रेजी नाम इंडिया को बदलकर भारत करने की सुगबुगाहट को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस (Congress) के बीच तकरार तेज हो गई है. राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी G20 शिखर सम्मेलन के निमंत्रण पत्र में 'प्रेसीडेंट ऑफ इंडिया' के बजाए 'प्रेसीडेंट ऑफ भारत' लिखा हुआ है. इसे लेकर अब कांग्रेस के नेताओं ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है, जिस पर भाजपा के नेताओं ने भी पलटवार किया है. 

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मोदी सरकार के मंत्रियों और नेताओं का पक्ष 

राष्ट्रपति भवन में G20 शिखर सम्मेलन के रात्रिभोज का निमंत्रण 'भारत के राष्ट्रपति' के नाम से भेजे जाने पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि कांग्रेस को आरोप लगाने का अधिकार नहीं है, जिसने आजादी के बाद संविधान को तोड़ा-मरोड़ा, आपातकाल लगा दिया उनके बोलने का मतलब नहीं है. बात रही भारत की तो यह काल शताब्दी का, सांस्कृतिक उत्थान का काल है. यह भारत के संस्कार और संस्कृति के उत्थान का काल है इसीलिए भारत है.

केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय का कहना है कि इस पर आपत्ति जताने का क्या कारण है? अगर भारत के राष्ट्रपति के नाम से आमंत्रण गया है तो यह स्वागतयोग्य है. कांग्रेस और घमंडिया गठबंधन के नेताओं को भारत शब्द से क्यों इतनी नफरत है?. पता नहीं कांग्रेस को भारत शब्द से नफरत और चीन और पाकिस्तान शब्द से क्यों इतनी मोहब्बत होती है? यह घोर आपत्तिजनक है.

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि समिट के रात्रिभोज पर आयोजित होने वाले निमंत्रण पत्र पर 'भारत के राष्ट्रपति' लिखा जाना हम सब भारतवासियों के लिए गौरव का क्षण है. पीएम मोदी का गुलामी की मानसिकता से बाहर निकालने के लिए श्रेष्ठ कदम है. हमारे संस्कारों, मन और रग-रग में भारत बसा हुआ, इसलिए विपक्ष के पास कोई मद्दा नहीं है इसलिए मोदी जो देश के लिए काम कर रहे हैं वो इसका विरोध कर रहे हैं. 

भाजपा सांसद सुशील मोदी का कहना है कि संविधान में तो 'इंडिया' और भारत दोनों शब्दों का उल्लेख है. अगर 75 साल तक इंडिया के राष्ट्रपति लिखा जाता था और अब भारत के राष्ट्रपति लिखा जा रहा है तो इसमें क्या आपत्ति है?. इंडिया तो ब्रिटिशर्स का दिया हुआ नाम है, अगर RJD, JDU के लोगों को भारत के नाम से चिढ़ है तो लें इंडिया का नाम. अगर भाजपा, केंद्र सरकार भारत शब्द को प्रचारित कर रही है तो उन्हें आपत्ति क्यों है, यह असंवैधानिक तो नहीं है.

कांग्रेस के नेताओं का पक्ष

राष्ट्रपति भवन में 'भारत के राष्ट्रपति' के नाम से भेजे गए G20 शिखर सम्मेलन के रात्रिभोज के निमंत्रण पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का कहना है कि संविधान कहता है कि इंडिया दैट इज 'भारत'. मैं संविधान का हवाला दे रहा हूं- इंडिया दैट इज 'भारत'. 

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई का कहना है कि ISRO ने जो चंद्रयान भेजा, वह गुलामी का प्रतीक है? ISRO, IIT में जो इंडिया है उसे बदलेंगे? क्या IIT गुलामी का प्रतीक है? INDIA गठबंधन का गठन होने के बाद भाजपा के मन में नई नफरत जाग चुकी है. भाजपा को 2014 से अब तक 'इंडिया' शब्द से कोई दिक्कत नहीं थी. यह लोगों का ध्यान असल मुद्दे से भटकाने की कोशिश कर रहे हैं.

कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत का कहना है कि हमारे संविधान के आर्टिकल 1 में साफ तौर पर लिखा गया है कि हमारा नाम इंडिया भी होगा और भारत भी. मोदी और संघ के लोग लगातार हमारे संविधान के साथ खिलवाड़ करना चाहते हैं. इनको बाबा साहब के संविधान से दिक्कत है. आपकी नफरत आपका डर आपकी बौखलाहट साफ है, आप INDIA से घबराते हैं. अब ये सनक बन चुका है, अपने देश और अपनी मां का नाम कौन बदलता है. मोदी हमसे डरते हैं हमें अपना शत्रु मानते हैं, लेकिन दुश्मनी आज आप देश से निभाने लगे. वे अच्छे से जानते हैं उनके पास राज्य सभा में बहुमत नहीं है.

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कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित का कहना है कि अगर गुलामी का प्रतीक है तो सबसे पहले प्रधानमंत्री को यह कहें. स्किल इंडिया, डिजिटल इंडिया प्रधानमंत्री ने कहा था. पहले उनसे सवाल पूछे जाने चाहिए. वे पहले यह सब चीजें बदलें उसके बाद कुछ करें. हमारे प्रस्तावना में भी कहा गया है 'इंडिया दैट इज 'भारत'' क्योंकि कई संदर्भों और संस्कृतियों में भारत शब्द प्रचलित है. मुझे नहीं लगता कि नाम बदलने से कुछ फर्क पड़ेगा. 

Source : News Nation Bureau

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