भारत ने साफ कर दिया है कि नॉर्वे प्रशासन पांच साल के बच्चे आर्यन को उसके माता-पिता को सौंपा जाए। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस बात को मानने से इनकार कर दिया कि दत्तक माता-पिता बच्चे की परवरिश बायोलॉजिकल माता-पिता से बेहतर कर सकते हैं।
नोर्वे के बाल कल्याण विभाग ने आर्यन को छीन लिया था। उसके माता-पिता पर बच्चे के साथ मार-पीट करने का आरोप लगाया है।
सुषमा स्वराज ने अपने ट्वीट में कहा है, "हमारे राजदूत बच्चे के मुद्दे पर नॉर्वे के अधिकारियों से मुलाकात करेंगे। मैं इस बात को मानने को तैयार नहीं हूं कि दत्तक माता-पिता उसके बायोलॉजिकल माता-पिता से बेहतर ख्याल रखेंगे।"
उन्होंने कहा, "दत्तक माता-पिता पूरी तरह से भारतीय संस्कारों और खाने-पीने की आदतों के बारे में नहीं जानते। हम चाहते कि आर्यन को उसके बायोलॉजिकल माता-पिता को लौटाया जाए।"
अनिल कुमार और गुरविंदरजीत कौर ने कहा था कि उनके बेटे आर्यन को नॉर्वे प्रशासन ने गलत आरोप लगाकर अपने साथ ले गए।
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आर्यन की मां गुरविंदर कौर ने उन पर लगे आरोपों को गलत करार देते हुए कहा था कि उनका बेटा घर लौटना चाहता है और वह ठीक से खा नहीं रहा है।
नॉर्वे में इस तरह की ये तीसरी घटना है जब किसी भारतीय दंपत्ति के बच्चे को नॉर्वे प्रशासन लापरवाही और ज्यादती के आरोप में ले गया है।
Source : News Nation Bureau