भारत की नाराजगी के बावजूद किसान समर्थन पर अड़े जस्टिन ट्रूडो

भारत की नाराजगी जताए जाने के बावजूद कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो कासिन आंदोलन को समर्थन के अपने पुराने रुख पर ही कायम हैं.

author-image
Nihar Saxena
New Update
PM Narendra Modi Justin Trudeau

जस्टिन ट्रूडो को समझाइश रही बेअसर. किसान आंदोलन के समर्थन पर अड़े.( Photo Credit : न्यूज नेशन.)

Advertisment

कृषि कानूनों को लेकर किसानों के आंदोलन को कई देशों के प्रवासी भारतीय नेताओं ने अपना समर्थन दिया है. हालांकि कनाडा कुछ ज्यादा ही आगे निकल गया और कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने किसान आंदोलन के समर्थन में मानवाधिकारों का जिक्र करते हुए शांतिपूर्ण प्रदर्शन के समर्थन में बात कह दी. ट्रूडो के बयान पर भारत ने कड़ा ऐतराज जताया और विदेश मंत्रालय ने इसे देश के आंतरिक मामलों में बर्दाश्त नहीं करने लायक हस्तक्षेप करार दिया. साथ ही ये भी कहा कि अगर यह जारी रहा तो इससे दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को 'गंभीर नुकसान' पहुंचेगा. यह अलग बात है कि भारत की नाराजगी जताए जाने के बावजूद कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो कासिन आंदोलन को समर्थन के अपने पुराने रुख पर ही कायम हैं.

ट्रूडो अपने रुख पर अड़े
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने शुक्रवार को भारत में कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के विरोध पर अपना रुख दोहरा दिया. उन्होंने कहा कि कनाडा दुनियाभर में कहीं भी शांतिपूर्ण विरोध के अधिकार और मानवाधिकारों के लिए हमेशा खड़ा रहेगा. इससे पहले भारत ने किसान आंदोलन पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और वहां के दूसरे नेताओं की टिप्पणी पर नाराजगी जताई थी. विदेश मंत्रालय ने बताया कि कनाडा के उच्चायुक्त नादिर पटेल को तलब किया था. उन्हें सूचित किया गया कि भारतीय किसानों से संबंधित मुद्दों पर कनाडाई प्रधानमंत्री, कुछ कैबिनेट मंत्रियों और सांसदों की टिप्पणी हमारे आंतरिक मामलों में अस्वीकार्य हस्तक्षेप के समान है.

यह भी पढ़ेंः किसान नेता बोले- PM मोदी का आज करेंगे पुतला दहन, 8 को भारत बंद

कनाडाई राजनयिक को सौंपा गया आपत्ति पत्र
इसके साथ ही कनाडाई राजनयिक को आपत्ति पत्र (डिमार्श) भी सौंपा गया. ट्रूडो ने भारत में आंदोलन कर रहे किसानों का समर्थन करते हुए कहा था कि शांतिपूर्ण विरोध के अधिकारों की रक्षा के लिए कनाडा हमेशा साथ रहेगा. इसके साथ ही उन्होंने स्थिति पर चिंता जतायी थी. विदेश मंत्रालय ने कहा कि किसानों के मुददे पर कनाडा के नेताओं द्वारा की गई टिप्पणी की वजह से कनाडा में हमारे मिशन के सामने भीड़ जमा हुयी जिससे सुरक्षा का मुद्दा खड़ा होता है. विदेश मंत्रालय ने कहा, 'हम उम्मीद करते हैं कि कनाडाई सरकार भारतीय राजनयिकों की पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करेगी.' 

यह भी पढ़ेंः भारत की कनाडा को फटकार, उच्‍चायुक्‍त को भेजा समन

कनाडा के रक्षा मंत्री भी कर चुके अनुचित टिप्पणी
कनाडा में भारतीयों की खासी संख्या है और उनमें से अधिकतर पंजाब से हैं. इससे पहले कनाडा के रक्षा मंत्री हरजीत सज्जन ने भी भारतीय किसानों के आंदोलन पर टिप्पणी की थी. भारतीय मूल के सज्जन ने रविवार को ट्वीट किया था, 'भारत में शांतिपूर्ण प्रदर्शन को कुचलने की खबरें बहुत परेशान करने वाली हैं. मेरे कई मतदाताओं के परिवार वहां रहते हैं और वे अपने करीबी लोगों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. स्वस्थ लोकतंत्र में शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अनुमति होती है. मैं इसमें शामिल लोगों से आग्रह करता हूं कि वे इस मौलिक अधिकार को बनाए रखें.'

यह भी पढ़ेंः दुनिया भारत को भरोसेमंद और उभरते भागीदार के रूप में देखती है: PM 

खालिस्तान समर्थक भी रही है ट्रूडो सरकार
केंद्र की ओर से हाल ही में पारित किए गए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली से लगती हरियाणा और उत्तर प्रदेश की कई सीमाओं पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. किसानों को देश और विदेश से समर्थन मिल रहा है. इसी क्रम में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने किसानों के आंदोलन का समर्थन करते हुए सरकार से आग्रह किया था कि वे उनकी मांगों पर ध्यान दें. यही नहीं ट्रूडो सरकार कनाडा में खालिस्तानियों की समर्थक भी रही है. न केवल मोदी सरकार ने इस पर अपना विरोध दर्ज कराया है, बल्कि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी कनाडा के प्रधानमंत्री की राजनीति पर उनकी भारत यात्रा के दौरान नाराजगी व्यक्त की थी.

PM Narendra Modi kisan-andolan farmers-agitation पीएम नरेंद्र मोदी किसान आंदोलन canada PM justin trudeau human rights जस्टिन ट्रूडो समर्थन कनाडा पीएम Demarche भारत आपत्ति डिमार्श
Advertisment
Advertisment
Advertisment