तीनों सेनाओं के प्रमुख यानी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) ने चीन की विस्तारवादी नीति और उसके पिट्ठू पाकिस्तान को दो टूक चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि दोनों की चुनौतियों से निपटने के लिए भारत को अपनी हवाई ताकत और बढ़ानी होगी. इसे समझते हुए राकेट फोर्स गठित करने की तैयारी की जा रही है. इसके साथ ही सीडीएस बिपिन रावत ने भारत (India) की सैन्य चुनौतियों, सुरक्षा सिद्धांत और सशस्त्र सेना में सुधार प्रक्रिया के बारे में विस्तार से चर्चा की. उन्होंने एक कार्यक्रम में जोर देकर कहा कि भारत का दो शत्रु पड़ोसी देशों के साथ सीमा विवाद चल रहा है. चीन और पाकिस्तान ने बीते दिनों काफी आक्रामकता का परिचय दिया है. जनरल रावत ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए अत्याधुनिक तकनीक के इस्तेमाल की जरूरत पड़ेगी.
भारत ने शुरू कर दी है तैयारी
सीडीएस बिपिन रावत ने दो-टूक कहा कि अपने सदाबहार दोस्त चीन के समर्थन से पाकिस्तान भारत के खिलाफ छद्म युद्ध जारी रखे हुए है. वह जम्मू-कश्मीर में तो छद्म युद्ध लड़ ही रहा है और अब पंजाब और कुछ अन्य इलाकों में ऐसा ही युद्ध शुरू करने की कोशिश कर रहा है. चीन ने भी देश की उत्तरी सीमा पर अपनी हरकतें दिखानी शुरू कर दी है. दक्षिण सागर चीन में चीन की विस्तारवादी नीतियां नए सिरे से चुनौतियां खड़ी कर रही हैं. अब हमें इस तरह के आक्रमणों से तकनीक से ही निपटना है. इसके लिए तीनों सेनाओं को साथ मिलकर कार्य करना होगा. इस सिलसिले में तैयारी शुरू हो गई है. इन चुनौतियों को समग्र रूप से ही लड़कर जीता जा सकेगा.
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पश्चिमी-उत्तरी सीमा पर बनेगी थिएटर कमांड
अफगानिस्तान में तालिबान का शासन भारत के लिए नया खतरे से जुड़े प्रश्न पर जनरल रावत ने कहा, 'किसी ने भी नहीं सोचा था कि तालिबान इतनी तेजी से अफगानिस्तान पर कब्जा कर लेगा. समय अपने आप सब कुछ स्पष्ट कर देगा. हमें बस धैर्य से इंतजार करने की जरूरत है. हम नहीं जानते अफगानिस्तान का भविष्य क्या होगा. अभी वहां की स्थिति में और बदलाव आएंगे, लेकिन उनके बारे में अभी अंदाजा लगाना मुश्किल है.' इसके साथ ही जनरल रावत ने आगाह किया कि चीन अफगानिस्तान में अपने पैर मजबूती के साथ जमाना चाहेगा. इसके साथ ही उसकी आक्रामकता समय के साथ और भी बढ़ेगी. ऐसे में पश्चिमी मोर्चे पर पाकिस्तान और उत्तरी मोर्चे पर चीन के रूप में दो चुनौतियां भारत के सामने मुंह बाए खड़ी हैं. इनसे निपटने के लिए न सिर्फ दोनों ही मोर्चों पर थिएटर कमांड स्थापित करने की योजना है, बल्कि रॉकेट फोर्स बनाने की भी दिशा में काम करना पड़ेगा. राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए पैदा होने वाली चुनौतियों से उच्च स्तरीय तकनीक और तीनों सेनाओं के बेहतर समन्वय से निपटा जा सकेगा.
HIGHLIGHTS
- चीन-पाकिस्तान के खिलाफ वायु सेना को और मजबूत बनाने की जरूरत
- पश्चिमी और उत्तरी सीमा की चुनौतियों से निपटने बनेगा थिएटर कमांड
- तालिबान शासन को समय करेगा स्पष्ट, बस धैर्य रखने की जरूरत