भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) को जल्द ही 3 और राफेल लड़ाकू विमान (Rafale Fighter Plane) मिलने जा रहा है. बताया जा रहा है कि 3 और राफेल लड़ाकू विमानों (Rafale) की खेप 1 या 2 फरवरी को भारत पहुंच सकती है. इन विमानों में पूरी तरह से भारत की जरूरतों को देखते हुए अहम उपकरण लगाए गए हैं. इससे इस विमान में क्षेत्रीय स्तर पर दुश्मनों से लड़ने में मदद मिलेगी. वहीं आखिरी राफेल लड़ाकू विमान को अप्रैल में भारत भेजा जा सकता है.
माना जा रहा है कि अगर मौसमी परिस्थितियां ठीक रहीं तो 1 या 2 फरवरी के आसपास दक्षिणी फ्रांस के मारसेली के इस्र ली ट्यूब एयरबेस से 3 राफेल विमानों को भारत के लिए रवाना किया जा सकता है. फ्रांस से भारत के सफर में इनमें संयुक्त अरब अमीरात की ओर से आसमान में ही एयरबस मल्टी रोल ट्रांसपोर्ट टैंकर्स से ईंधन भरा जाना प्रस्तावित है.
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जबकि अंतिम लड़ाकू विमान भी ताजा पेंट और उपकरणों के साथ लगभग तैयार है. ये आखिरी लड़ाकू विमान अप्रैल 2022 में भारत पहुंचने की उम्मीद है. फ्रांस के 36 राफेल लड़ाकू विमानों में से यही वो विमान है जिसे भारतीय वायुसेना के कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने के लिए इस्तेमाल किया गया था. दिसंबर 2021 में एक उच्च स्तरीय रक्षा वार्ता के लिए फ्रांस की अपनी यात्रा के दौरान इस लड़ाकू विमान का निरीक्षण रक्षा सचिव अजय कुमार ने इस्र हवाई अड्डे पर किया था.
हालांकि भारतीय वायुसेना राफेल पर भारत के विशिष्ट संवर्द्धन पर चुप है, लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार ये लंबी दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिटियोर मिसाइल, लो बैंड फ्रीक्वेंसी जैमर्स, उन्नत संचार प्रणाली, अधिक सक्षम रेडियो अल्टीमीटर, रडार चेतावनी रिसीवर से संबंधित हैं. इनमें हाई एल्टीट्यूड इंजन स्टार्ट अप, सिंथेटिक अपर्चर रडार, ग्राउंड मूविंग टारगेट इंडिकेटर और ट्रैकिंग, मिसाइल अप्रोच वार्निंग सिस्टम और बहुत हाई फ्रीक्वेंसी रेंज डिकॉय भी शामिल हैं.
वहीं सोमवार को राफेल लड़ाकू विमान ने गोवा में एक नौसेना अड्डे पर अपनी परिचालन क्षमता का प्रदर्शन किया क्योंकि नौसेना की अपने स्वदेशी विमानवाही पोत (आईएसी) विक्रांत के लिए लड़ाकू जेट विमानों के एक बेड़े को शामिल करने की योजना है. सूत्रों ने कहा कि राफेल विमान के नौसैना संस्करण का प्रदर्शन गोवा के नौसैन्य हवाई स्टेशन आईएनएस हंसा पर हुआ.