सीमापार से लगातार हो रहे ड्रोन हमलों पर कड़ी निगरानी रखने और उसे मार गिराने के लिए अब कड़ा जवाब मिलेगा. इन हमलों को नेस्तनाबूत करने की जिम्मेदारी जम्मू कश्मीर लाइट इन्फेंट्री की होगी. इस इन्फेंट्री में शनिवार को 460 नए जवानों को शामिल किया गया. इन सभी जवानों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि भारतीय सीमा में ड्रोन के जरिये हमला करने की कोई हिमाकत न कर सके. चेन्नई रीजन ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल एमके दास ने कहा, हमारे सेना प्रमुख ने ड्रोन चुनौती को बहुत गंभीरता से लिया है. भारतीय सेना और जम्मू और कश्मीर लाइट इन्फैंट्री (JAK LI) रेजिमेंट इसका सामना करने के लिए तैयार है.
यह भी पढ़ें : डिलीवरी के लिए ड्रोन टेस्ट शुरू करने वाला पहला राज्य बना तेलंगाना
उन्होंने कहा कि सैनिकों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी, साइबर सुरक्षा और नई चुनौतियों से परिचित कराया जा रहा है. जब वे अपनी इकाइयों में शामिल होते हैं, तो उन्हें ऑरियंटेशन दिया जाता है ताकि वे अपने कर्तव्य के लिए तैयार हो सकें. ड्रोन खतरे को उस तैयारी का हिस्सा बनाया गया है. इस बीच जम्मू और कश्मीर लाइट इन्फैंट्री (JAK LI) के 460 नए जवानों की सत्यापन परेड शनिवार सुबह JAK LI ट्रेनिंग ग्राउंड, डंसल में आयोजित की गई. इस परेड की समीक्षा लेफ्टिनेंट जनरल एमके दास सत्यापन परेड की समीक्षा की.
पाकिस्तान लगातार करता रहा ड्रोन का इस्तेमाल
इसी साल जून महीने में जम्मू-कश्मीर में वायु सेना के एयरबेस पर विस्फोटक लदे ड्रोन से हुआ हमला था. एयरफोर्स स्टेशन पर ब्लास्ट के मामले में डीजीपी ने कहा था कि ड्रोन के जरिए विस्फोट कराने की कोशिश की गई. मौके से एक ड्रोन के टुकड़े भी मिले थे. पाकिस्तान पिछले दो साल से ड्रोन भेजकर लगातार अंतरराष्ट्रीय सीमा तथा नियंत्रण रेखा पर नापाक साजिशें रच रहा है. सीमा पार से हथियारों और नशे की खेप की तस्करी के साथ ही बॉर्डर से लगे सुरक्षा प्रतिष्ठानों की रेकी भी करवाई जा रही है. हालांकि आईबी व एलओसी पर हर वक्त ड्रोन की मूवमेंट पर नजर रखने के भी निर्देश हैं. पीआईए लिखे बैलून भी सीमावर्ती इलाकों में कई बार पाए गए हैं। सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान के इशारे पर पिछले कुछ महीनों से जम्मू को आतंकियों ने ठिकाना बनाना शुरू कर दिया है.
HIGHLIGHTS
- कड़ी निगरानी रखने के लिए जवानों को किया जाएगा प्रशिक्षित
- जम्मू कश्मीर लाइट इन्फेंट्री के कंधों पर होगी जिम्मेदारी
- सभी जवानों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा