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भारत को गर्मियों में चीन से रहना होगा सतर्क, ड्रैगन से बातचीत फिर बेनतीजा

एक रक्षा सूत्र ने कहा, चीन के साथ बातचीत विफल होने के बाद भारत को एलएसी पर बचाव करते रहना होगा और पूरे गर्मी के महीनों में हाई अलर्ट पर रहना होगा.

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Vijay Shankar
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Indian Army

Indian Army ( Photo Credit : File Photo)

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India-China Border Tense : पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच जारी गतिरोध अभी बरकरार रहेगा. रक्षा सूत्रों ने बताया कि भारत पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर आगे भी गर्मी की तैयारी जारी रखेगा, क्योंकि चीन के साथ हाल ही में हुए सैन्य वार्ता शुक्रवार को विफल रही. दोनों देशों के बीच एक बार फिर से किसी भी तरह का कोई सार्थक परिणाम नहीं निकल सका. भारत की ओर से चुशुल-मोल्दो सीमा के पास मीटिंग प्वाइंट पर शुक्रवार को सुबह 10 बजे वार्ता शुरू हुई और 13 घंटे तक चली. फिलहाल भारत और चीन के बीच गतिरोध जारी है.

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एक रक्षा सूत्र ने कहा, चीन के साथ बातचीत विफल होने के बाद भारत को एलएसी पर बचाव करते रहना होगा और पूरे गर्मी के महीनों में हाई अलर्ट पर रहना होगा. शुक्रवार को हुई 15वें दौर की वार्ता का मुख्य एजेंडा हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र था. पेट्रोल प्वाइंट 15, जिसे आमतौर पर हॉट स्प्रिंग्स कहा जाता है पर समाधान निकलने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. एलएसी के पास गश्त का अधिकार बहाल होने के अलावा, देपसांग के मैदान और डेमचोक जैसे टकराव वाले अन्य क्षेत्रों को लेकर भी अभी किसी प्रगति की संभावना नजर नहीं आ रही है. बातचीत का कोई परिणाम नहीं निकलने के बाद आने वाले महीनों में भारत को गर्मियों में चीन से पूरी तरह सतर्क रहना होगा. पिछले साल 12वें दौर की वार्ता में हॉट स्प्रिंग्स को लेकर सहमत होने के बावजूद दोनों पक्षों के सैनिकों के बीच तनाव जारी है. 

दोनों देशों के बीच क्या हुई बातचीत

भारत और चीन के बीच 15वें दौर की सैन्य वार्ता हुई जिसमें लंबित मुद्दों को हल करने की दिशा में बातचीत हुई, लेकिन पहले की ही तरह इस बार भी कोई बेहतर परिणाम नहीं निकल पाया. हालांकि दोनों देश यथाशीघ्र परस्पर स्वीकार्य समाधान तक पहुंचने के लिए वार्ता जारी रखने को सहमत हुए. करीब 13 घंटे तक चली बैठक के एक दिन बाद, दोनों पक्षों ने शनिवार को एक संयुक्त बयान में एक बार फिर से कहा कि इस तरह का एक समाधान पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति एवं स्थिरता बहाल करने में मदद करेगा तथा द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति को सुगम करेगा. हालांकि दोनों पक्ष क्षेत्र में जमीन पर सुरक्षा एवं स्थिरता कायम रखने और सैन्य एवं कूटनीतिक माध्यमों के जरिये वार्ता जारी रखने के लिए सहमत हुए. वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से लगे टकराव वाले शेष स्थानों पर 22 महीने लंबे गतिरोध का हल करने के लिए 15वें दौर की सैन्य वार्ता के एक दिन बाद एक संयुक्त बयान में यह कहा गया है.

अब फिर से अगले दौर की वार्ता पर टिकी नजरें

इस साल जनवरी में 14वें दौर की वार्ता सकारात्मक रही थी और दोनों पक्ष जल्द ही मिलने पर सहमत हुए थे. इस बार कुछ आगे बढ़ने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. अब फिर से सभी की नजरें अगले दौर की बातचीत पर टिकी हुई है. सूत्र ने कहा, मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए अगले कुछ महीनों के लिए बड़ी तैनाती, रसद और अन्य योजनाओं पर चर्चा की जाएगी. नई दिल्ली और बीजिंग द्वारा जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी के साथ संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए  पिछले दौर की चर्चा को आगे बढ़ाया गया.

HIGHLIGHTS

  • हॉट स्प्रिंग्स को लेकर भारत-चीन के बीच नहीं निकल पाया है समाधान
  • एलएसी पर फिर देखने को मिल सकता है तनाव, भारत को रहना होगा सतर्क
  • सूत्रों ने बताया कि वार्ता में कोई महत्वपूर्ण परिणाम नहीं निकल सका

 

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