विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने गुरुवार को एक मीडिया ब्रीफिंग में बताया कि भारत अगले चाबहार परियोजना बैठक का मेजबानी करेगा जिसमे उज्बेक और ईरान के प्रतिनिधि शामिल होंगे. इस बैठक में शामिल होने के लिए अफगानिस्तान को भी आमंत्रित किया जाएगा. इस मीडिया ब्रीफिंग में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने अन्य कई मामलों पर जानकारी दी.
इस मीडिया वार्ता में चीन के बंदरगाह पर भारतीय नागरिकों के साथ फंसे जहाजों, गणतंत्र दिवस पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री की भारत यात्रा, नेपाल के राजनीतिक हालात समेत कई मामलों पर सूचनाएं दी गयी. गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के तौर पर आने वाले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के कार्यक्रम को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हम उनका स्वागत करने के लिए तैयार हैं. गौरतलब है कि ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नया स्ट्रेन सामने आने के बाद से जॉनसन की भारत यात्रा पर संदेह जताया जा रहा था.
भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर श्रीवास्तव ने कहा कि दोनों देश राजनयिक और सैन्य माध्यमों से संपर्क बनाए हुए हैं. अनुराग श्रीवास्तव ने बताया, 'चीन के जिंगतांग बंदरगाह पर दो जहाज अभी भी फंसे हुए हैं, जिन पर भारतीय नागरिक भी सवार हैं. ये दोनों जहाज कारगो डिस्चार्ज की अनुमति का इंतजार कर रहे हैं. हमारी सरकार चीनी सरकार के संपर्क में है. इन जहाजों से पहले आए कुछ जहाजों को कारगो डिस्चार्ज की अनुमति मिल गई है.
नेपाल की बात करते हुए श्रीवास्तव ने कहा कि भारत को नेपाल में हालिया राजनीतिक घटनाओं की जानकारी है. उन्होने कहा कि ये नेपाल के आंतरिक मामले हैं. एक पड़ोसी के तौर पर भारत नेपाल का और शांति, समृद्धि और विकास की ओर बढ़ रहे नेपाल के नागरिकों का सहयोग करता रहेगा.
Source : News Nation Bureau