भारतीय वायु सेना अब तक के सबसे बड़े अभ्यास की मेजबानी करने जा रहा है. इसमें 12 वायुसेनाएं एक साथ भाग लेने वाली हैं. इसमें भाग लेने वाले देशों के बीच सैन्य सहयोग के साथ उनकी तकनीकी क्षमताओं का अदान प्रदान होगा. इस तरह से सभी देशों के बीच सैन्य सहयोग को बढ़ावा दिया जाएगा. इससे संबंधित अधिकारियों का कहना है कि तरंग शक्ति नाम का यह अभ्यास देश में आयोजित होने वाला सबसे बड़ा बहुराष्ट्रीय हवाई अभ्यास होने वाला है. इसमें लड़ाकू जेट, सैन्य परिवहन विमान, मध्य हवा में ईंधन भरने वाले और हवाई चेतावनी और नियंत्रण प्रणाली वाले विमान शामिल किए जाएंगे.
तरंग शक्ति नाम के इस युद्ध अभ्यास की तिथि अभी तय नहीं की गई है. ऐसा बताया जा रहा है कि यह अक्टूबर और नवंबर में आयोजित होगी. नाम न छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने कहा कि छह वायु सेनाएं अभ्यास में भाग लेने वाली हैं. वहीं बाकी पर्यवेक्षकों के रूप में हवाई अभ्यास में भाग लेने वाले हैं. इस अभ्यास में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया की वायु सेनाएं भाग लेंगी. भारतीय वायुसेना संयुक्त युद्ध अभ्यास में सबसे पसंदीदा भागीदार के रूप में सामने आई है. इस वर्ष भारतीय वायुसेना ने अब तक फ्रांस, ग्रीस, जापान और यूके में संयुक्त अभ्यास में भाग ले चुकी हैैै.
भारतीय वायुसेना के फ्रांसीसी मूल के राफेल लड़ाकू विमानों ने अप्रैल में एक विदेशी अभ्यास में भाग लिया था. ओरियन अभ्यास 17 अप्रैल से 5 मई तक फ्रांस के मोंट.डे.मार्सन एयरबेस पर हुआ था. इसमें मेजबान देश अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, ग्रीस, इटली, नीदरलैंड और स्पेन की वायुसेना शामिल हुई थीं. इस अभ्यास मेें चार भारतीय राफेल, दो सी-17, दो एलएल 78 रिफ्यूलर और 165 वायु योद्धाओं ने हिस्सा लिया. अप्रैल.मई में भारतीय वायुसेना ने ग्रीस के एंड्राविडा हवाई अड्डे पर हेलेनिक वायु सेना द्वारा आयोजित युद्ध अभ्यास में भाग लिया. भारतीय वायुसेना ने चार ने चार एसयू - 30 एमआईके लड़ाकू विमानों और दो सी 17 भारी विमान ने युद्धाभ्यास में भाग लिया.
Source : News Nation Bureau