भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने व्यापारिक और रणनीतिक नजरिए से बेहद अहम दक्षिण चीन सागर में अमेरिका, फिलीपीन और जापान की नौसेनाओं के साथ अभ्यास में भाग लिया. इस क्षेत्र में इनका यह पहला संयुक्त नौसेना अभ्यास था. इसमें भारतीय विध्वंसक पोत आईएनएस कोलकाता और टैंकर आईएनएस शक्ति समेत यूएस पैसिफिक बेड़े का एक गाइडेड मिसाइल विध्वंसक, जापानी विमान वाहक पोत इजुमो और फिलीपीन का गश्त पोत एंड्रेस बोनीफासियो शामिल हुआ. भारतीय नौसेना ने इस अभ्यास के बारे में ट्वीट कर जानकारी दी है.
इस संयुक्त सैन्य अभ्यास को चीन के खिलाफ शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है, जो पिछले कुछ वर्षों से दक्षिण चीन सागर में अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ा रहा है. चीन ने अपने विस्तारवादी नीति से इस क्षेत्र के कई देशों को नाराज किया है, जिसमें यूएस भी शामिल है. दक्षिण चीन सागर में अपने बनाए कृत्रिम द्वीपों पर चीन सैन्य अभ्यास करता रहता है. इसके अलावा दक्षिण चीन सागर के क्षेत्र पर दावे को लेकर चीन का वियतनाम और फिलीपींस से भी विवाद है.
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चीन को जवाब देने के लिए यूएस नौसेना (US Navy) भी दक्षिण चीन सागर में लगातार पेट्रोलिंग करती है और 'फ्रीडम ऑफ नैविगेशन' ऑपरेशन को अंजाम देती है. भारतीय नौसेना के प्रवक्ता कैप्टन डीके शर्मा ने कहा, यह संयुक्त नौसैन्य अभ्यास प्रतिभागी देशों की सेनाओं के साथ साझेदारी मजबूत करने के लिए किया गया था. यह सहयोगी देशों के साथ सुरक्षित समुद्री वातावरण बनाए रखने के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दिखाता है.
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दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामक और विस्तारवादी रवैये का भारत (India) ने हमेशा विरोध किया है. भारत सभी देशों से अंतरराष्ट्रीय जल में चहलकदमी को लेकर संयुक्त राष्ट्र के 1982 के कानून का पालन करने की जरूरत पर जोर देता रहा है. हिंद महासागर में रणनीतिक कदम आगे बढ़ा रहे चीन (China) पर भारत की नजर बनी हुई है और यही वजह है कि भारत जापान, वियतनाम, सिंगापुर, म्यांमार और इंडोनेशिया जैसे देशों के साथ सैन्य अभ्यास और तकनीक साझा करने समेत रक्षा सहयोग बढ़ा रहा है.
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यूएस (US) और चीन (China) के बीच चल रहे ट्रेड वार के बीच इस सैन्य अभ्यास के कई मायने निकाले जा रहे हैं. इस सप्ताह, ट्रंप प्रशासन ने चीनी आयात पर टैरिफ बढ़ाने की धमकी दी थी जिसका जवाब चीन भी टैरिफ बढ़ाकर देने की तैयारी में है. यूएस, जापान और भारत का इस क्षेत्र पर कोई दावा पेश नहीं करते हैं, लेकिन अप्रत्यक्ष तौर पर यह इन देशों के हितों को प्रभावित करता है. रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण दक्षिण चीन सागर से विश्व का 30 फीसदी व्यापार होता है. इसके अलावा इसमें कई तेल और गैस भंडार भी मौजूद हैं.
HIGHLIGHTS
- दक्षिण चीन सागर में नौसेनाओं ने युद्ध अभ्यास किया
- दक्षिण चीन सागर में लगातार पेट्रोलिंग कर रही यूएस नौसेना
- चीन की आक्रामक और विस्तारवादी रवैये का भारत ने हमेशा विरोध किया
Source : News Nation Bureau