जम्मू-कश्मीर में भारतीय वायुसेना के रडार ने पाकिस्तानी एयरफोर्स के दो फाइटर जेट को एलओसी से सटे क्षेत्र में पकड़ा है. रडार पर दुश्मन देश के फाइटर जेट के आते ही भारतीयु वायुसेना पूरी तरह अलर्ट है और किसी भी प्रतिक्रिया के लिए फाइटर जेट्स को तैयार रखा गया है.हालांकि जब भारतीय वायुसेना के रडार ने दुश्मन देश के फाइटर जेट को पकड़ा तो वो पाकिस्तान के इलाके में ही एलओसी से सिर्फ 10 किलोमीटर की दूरी पर हवा में उड़ रहे थे. फाइटर जेट के दिखते ही IAF ने सभी एयर डिफेंट सिस्टम और रडार को हाई अलर्ट जारी कर दिया.
गौरतलब है कि पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकाने पर एयर स्ट्राइक किया था. इस एयर स्ट्राइक में सैकड़ों आतंकी मारे गए थे. वायुसेना के इस हमले के जवाब में पाकिस्तान की वायुसेना ने एलओसी पारकर भारतीय सीमा में घुसते हुए मिलेट्री स्टेशन और सुरक्षा संस्थानों को निशाना बनाने की कोशिश की थी लेकिन भारतीय वायुसेना ने उसे नाकाम कर दिया था. इतना ही आईएएफ के विंग कमांडर अभिनंदन ने पाकिस्तान के एक फाइटर जेट एफ 16 को भी मार गिराया था. हालांकि इस दौरान उनके विमान को भी पाकिस्तान की सेना ने गिरा दिया था और वो पाकिस्तान सेना के कब्जे में चले गए थे. लेकिन भारत सरकार की सफल कूटनीति की वजह से सिर्फ 36 घंटे के भीरत पाकिस्तान को अभिनंदन को छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा.
पाकिस्तान के अधिकृत कश्मीर में स्थित बालाकोट में भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) ने एयर स्ट्राइक (Air Strike) की थी. सूत्रों के अनुसार, वायुसेना (Airforce) ने केंद्र सरकार को एयर स्ट्राइक से जुड़े सभी दस्तावेज सौंप दिए हैं. इन दस्तावेजों में एयर स्ट्राइक की तस्वीरें भी शामिल हैं. दस्तावेजों के मुताबिक, जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कैंपों पर भारतीय वायुसेना के अधिकतर निशाने सही लगे हैं.
भारतीय वायुसेना (India Airforce) ने केंद्र को एयर स्ट्राइक से संबंधित 12 पेज की रिपोर्ट सौंपी है. रिपोर्ट में वायुसेना ने बालाकोट के उस क्षेत्र की हाई रिजोल्यूलेशन तस्वीरें भी साझा की हैं. हालांकि, ये रिपोर्ट सार्वजनिक होगी या नहीं इसका फैसला सरकार ही लेगी. वायुसेना की रिपोर्ट के अनुसार बालाकोट में उनके 80 प्रतिशत निशाने सही लगे हैं. जिन बमों को जहां दागा गया वह वहां मौजूद बिल्डिंगों के सीधे अंदर गए हैं, यही कारण है कि जो भी तबाही हुई है वह अंदर ही हुई है.
14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में जैश-ए-मोहम्मद ने आतंकी हमला किया, जिसमें सीआरपीएफ (CRPF) के 40 जवान शहीद हो गए थे. इसके बाद भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को तबाह कर दिया था. सेना ने एयरस्ट्राइक में मिराज-2000 का इस्तेमाल किया था. पाकिस्तान लगातार दावा कर रहा था कि उनका कोई नुकसान नहीं हुआ है, सिर्फ कुछ पेड़ ही गिरे हैं.
इसके बाद भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) ने अपने आधिकारिक बयान में कहा था कि उनका मिशन पूरी तरह से सफल रहा है, ऐसे में सबूतों को सामने रखना का फैसला सरकार को ही करना है. वायुसेना के प्रमुख एयरचीफ मार्शल बीएस धनोआ ने कहा था कि अगर पाकिस्तान का कुछ नुकसान नहीं हुआ है तो उनकी वायुसेना हमारे इलाके में क्यों आई और वहां इस तरह की हलचल क्यों है. एयर स्ट्राइक को लेकर विपक्ष की ओर से लगातार सबूत मांगे जा रहे
Source : News Nation Bureau