IAF: रक्षा निर्माण के क्षेत्र में 'मेक इन इंडिया' को बड़ी कामयाबी, सफल रहा हैवी ड्रॉप सिस्टम का परीक्षण

IAF: रक्षा निर्माण के क्षेत्र में 'मेक इन इंडिया' को बड़ी कामयाबी, सफल रहा हैवी ड्रॉप सिस्टम का परीक्षण

author-image
Suhel Khan
एडिट
New Update
Heavy Drop System

Heavy Drop System( Photo Credit : ANI)

Advertisment

Heavy Drop System: भारतीय वायु सेना ने हाल ही में हैवी ड्रॉप सिस्टम का सफल परीक्षण किया. जो रक्षा निर्माण के क्षेत्र में मेक इन इंडिया के लिए बड़ी कामयाबी मानी जा रही है. बता दें कि पी-7 हैवी ड्रॉप सिस्टम को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO)द्वारा विकसित किया गया है. जिसकी मदद से युद्ध के मैदान में सात टन तक वजन तक के साजो सामान को पैराशूट के जरिए आसानी से पहुंचाया जा सकता है. जिसे डीआरडीओ की सहयोगी इकाई एरियल डिलिवरी रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (ADRDE) ने डिजाइन किया है.

ये भी पढ़ें: Tomato Prices: नियंत्रण में आए टमाटर के दाम, अब सिर्फ 40 रुपए प्रति किलो करें खऱीदारी

जानिए क्या है हैवीड्रॉप सिस्टम

बता दें कि हैवी ड्रॉप सिस्टम का उपयोग युद्ध के मैदान में सैन्य सामान या गोला-बारूद को आसानी से पहुंचाने में किया जाएगा. इसकी मदद से सात टन यानी 7000 किलोग्राम तक के सैन्य भंडार जिसमें वाहन, गोला-बारूद, उपकरण आदि शामिल हैं को पैराशूट से नीचे गिराने के लिए किया जाएगा. हैवी ड्रॉप सिस्टम आईएल-76 विमान के लिए एक प्लेटफॉर्म और विशेष पैराशूट सिस्टम होता है. यह पैराशूट सिस्टम एक मल्टी-स्टेज पैराशूट सिस्टम है, जिसमें पांच मुख्य कैनोपी, पांच ब्रेक शूट, दो सहायक शूट, एक एक्सट्रैक्टर पैराशूट शामिल हैं.

इस सिस्टम का प्लेटफॉर्म एल्यूमीनियम और स्टील के मिश्रण से बनी एक धातु संरचना है. इस सिस्टम की सबसे खास बात ये है कि इसे शत प्रतिशत स्वदेशी संसाधनों के साथ सफलतापूर्वक विकसित किया गया है. P-7 एचडीएस हैवी ड्रॉप सिस्टम को सेना में शामिल कर लिया गया है. इस सिस्टम का निर्माण एलएंडटी कंपनी कर रहा है जबकि इसके लिए पैराशूट का निर्माण ऑर्डनेंस फैक्ट्री द्वारा किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: Bengaluru: संगोल्लि रायाण्ण रेलवे स्टेशन पर उद्यान एक्सप्रेस में लगी आग, मौके पर पहुंची दमकल की गाड़ियां

पानी और तेल का नहीं होगा पैराशूट पर असर

बता दें कि हैवी ड्रॉप सिस्टम के पैराशूट पर तेल या पानी का कोई असर नहीं होगा. इनका इस्तेमाल लंबे समय तक किया जा सकेगा. गौरतलब है कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन काफी लंबे समय से इस सिस्टम को विकसित करने की तैयारी कर रहा था, करीब पांच सालों से हैवी ड्रॉप सिस्टम का परीक्षण किया जा रहा था.

HIGHLIGHTS

  • वायुसेना ने किया हैवी ड्रॉप सिस्टम का सफल परीक्षण
  • युद्ध के मैदान में सैन्य सामान को पहुंचाने में करेगा मदद
  • मेक इन इंडिया के तहत किया गया है विकसित

Source : News Nation Bureau

Advertisment
Advertisment
Advertisment