आज पूरे देश में दशहरा की धूम देखी जा रही है, लोग असत्य पर सत्य की जीत का जश्न मना रहे है. लेकिन आज यानी 8 अक्टूबर को वायुसेना दिवस (Indian Air Force Day) भी मनाया जा रहा है.8 अक्टूबर को ही इंडियन एअरफोर्स की स्थापना हुई थी. इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जवानों और देश को बधाई दी. इसके साथ ही तीनों सेना के प्रमुखों ने नई दिल्ली के वॉर मेमोरियल पर जाकर जवानों को श्रद्धांजलि दी. वहीं 87वां एयरफोर्स दिवस गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर वायुसेना भव्य परेड और एयर शो आयोजित किया गया.
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भारत को आजादी मिलने से पहले वायुसेना को रॉयल इंडियन एयर फोर्स (RIAF) कहा जाता था क्योंकि ये ब्रिटिश हुकूमत के अंडर में थी. 1 अप्रैल साल 1933 को वायुसेना के पहले दस्ते का गठन किया गया था, जिसमें 6 RAF-ट्रेंड ऑफिसर और 19 हवाई सिपाहियों को शामिल किया गया था. भारतीय वायुसेना ने द्वितीय विश्वयुद्ध में अपना शौर्य दिखाया था. आजादी के बाद इसमें से 'रॉयल' शब्द हटाकर सिर्फ 'इंडियन एयरफोर्स' कर दिया गया.
बता दें कि आजादी से पहले एयरफोर्स पर आर्मी का नियंत्रण था. एयरफोर्स को आर्मी से आजाद करने का श्रेय इंडियन एयरफोर्स के पहले कमांडर इन चीफ एयर मार्शल सर थॉमस डब्ल्यू एल्महर्स्ट को जाता है.
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आजादी के बाद सर थॉमस डब्ल्यू एल्महर्स्ट ही वायुसेना के पहले चीफ एयर मार्शल नियुक्त किए गए और तीन साल तक वो इस पद पर रहे. वो 15 अगस्त 1947 से 22 फरवरी 1950 तक इस पद पर रहे. देश की आजादी के बाद एयरफोर्स की जिम्मेदारियां भी बदल गई थी.
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वायुसेना ध्वज, वायु सेना निशान से पृथक, नीले रंग का है जिसके प्रथम एक चौथाई भाग में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा बना हुआ है. इसके बीच वाले हिस्से में तिरंगे के तीनों रंगों केसरिया, श्वेत और हरे रंग से बना एक वृत्त (गोलाकार आकृति) है. इंडियन एयरफोर्स ने ये ध्वज 1951 में अपनाया था.