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Mark-2: भारत ने बढ़ाई सरहद की सुरक्षा, तैनात किया ये शक्तिशाली हथियार, चीन और पाक पर रहेगी पैनी नजर

Heron Mark 2 Drones: भारतीय वायु सेना मेक इन इंडिया के तहत अपने प्रोजेक्ट चीता को आगे बढ़ाने की योजना पर काम कर रही है. जिसके तहत भारतीय सशस्त्र बलों के लगभग 70 हेरॉन ड्रोन को उपग्रह संचार लिंक के साथ विकसित किया जाएगा.

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Suhel Khan
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Heron Mark 2 drones

Heron Mark 2 Drone( Photo Credit : ANI)

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Heron Mark 2 Drones: भारत अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए लगातार कड़े कदम उठा रहा है. जिससे दुश्मन देश की सीमा के आसपास भी न आ पाए. दुश्मन को मात देने के लिए भारतीय वायु सेना की ताकत को भी लगातार बढ़ाया जा रहा है. इसी कड़ी में भारतीय वायु सेना में हेरॉन मार्क-2 ड्रोन को शामिल किया है, जो एक ही उड़ान में पाकिस्तान और चीन दोनों के साथ लगी सीमाओं पर निगरानी करने में सक्षम है. हेरॉन मार्क-2 नाम का ये ड्रोन भारतीय सीमा की ओर बढ़ रहे दुश्मन की तुरंत जानकारी हासिल कर लेगा.

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36 घंटे काम करने में सक्षम से हेरोन मार्क-2

बता दें कि भारतीय वायु सेना मेक इन इंडिया के तहत अपने प्रोजेक्ट चीता को आगे बढ़ाने की योजना पर काम कर रही है. जिसके तहत भारतीय सशस्त्र बलों के लगभग 70 हेरॉन ड्रोन को उपग्रह संचार लिंक के साथ विकसित किया जाएगा. इसके साथ ही भारतीय सेना को 31 प्रीडेटर ड्रोन का बेडा भी मिलेगा. जो उच्च ऊंचाई, लंबी सहनशक्ति श्रेणी के हैं. फिलहाल हेरॉन मार्क-2 नाम के चार ड्रोन को उत्तरी क्षेत्र में एक फॉरवर्ड एयर बेस पर तैनात किया गया है.

जिसमें लंबी दूरी की मिसाइलों और अन्य हथियार प्रणालियों को लगाया गया है. हेरॉन मार्क-2 ड्रोन का संचालन करने वाले स्क्वाड्रन को 'वार्डन ऑफ द नॉर्थ' के रूप में जाना जाएगा. जो चीन और पाकिस्तान दोनों के साथ लगी सीमाओं पर निगरानी करेगा. इस ड्रोन की क्षमता का अनुमान इससे लगाया जा सकता है कि ये बहुत लंबी दूरी पर करीब 36 घंटों तक काम करेगा.

हर मौसम में निगरानी करने में सक्षम

इस ड्रोन की खासियत ये है कि ये हर मौसम में निगरानी करने में सक्षम है. ड्रोन स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर विंग कमांडर पंकज राणा के मुताबिक, हेरॉन मार्क 2 एक बहुत ही सक्षम ड्रोन है. इससे पूरे देश की एक ही जगह से निगरानी की जा सकेगी. राणा के मुताबिक, ये ड्रोन अपने लक्ष्य और मिशन को किसी भी मौसम में और किसी भी इलाके में पूरा कर सकता है.

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पिछले 23 साल से वायु सेना में शामिल किए जा रहे ड्रोन

बता दें कि भारतीय वायु सेना में ड्रोन के शामिल करने का सिलसिला साल 2000 से शुरू हुआ था. जो लगातार जारी है. हेरॉन मार्क-2 ड्रोन के पायलट अर्पित टंडन के मुताबिक, हेरॉन ड्रोन के जिन नए संस्करण को वायुसेना में शामिल किया गया है वो पहले की तुलना में बहुत अधिक अच्छे हैं.

HIGHLIGHTS

  • भारत ने सीमा पर तैनात किया हेरोन मार्क-2
  • पाक और चीन सीमा पर एक साथ करेगा निगरानी
  • किसी भी मौसम में काम करने में सक्षम है मार्क-2

Source : News Nation Bureau

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