लड़ाकू विमान की कमी से जूझ रही भारतीय वायुसेना ने 'मेक इन इंडिया' के तहत निर्मित हल्के लड़ाकू विमान (फायटर जेट) की खरीद का रास्ता साफ कर दिया।
वायुसेना ने 50,000 करोड़ रुपये से अधिक लागत की 83 तेजस लड़ाकू विमान के लिए सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को खरीद के लिए बुधवार को प्रस्ताव भेजा।
भारतीय वायुसेना इससे पहले हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को 40 तेजस विमानों की आपूर्ति का ऑर्डर दे चुकी है।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, तेजस लड़ाकू विमान खरीद सौदे पर अंतिम मुहर अगले पांच महीनों में लग सकती है। आपको बता दें कि 83 लड़ाकू विमान खरीदने के प्रस्ताव को रक्षा खरीद परिषद ने पिछले साल नवंबर में मंजूरी दी थी।
न्यूज एजेंसी पीटीआई की खबर के मुताबिक, सूत्रों ने कहा कि 83 हल्के लड़ाकू विमान में से 10 का इस्तेमाल प्रशिक्षण के लिये किया जायेगा।
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आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अगले 10 सालों में मिग-21, मिग-27 और मिग-29 की 14 स्क्वाड्रन वायुसेना से रिटायर हो जाएंगी। इसके बाद वायुसेना की वर्तमान 33 स्क्वाड्रनों की संख्या 2027 तक घटकर 19 रह जाएगी। जबकि 2032 तक यह संख्या सिर्फ 16 रह जाएगी।
एचएएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक टी सुवर्ण राजून ने पीटीआई के साथ बातचीत में कहा कि तेजस में वायुसेना ने जो भी 42 बदलाव के लिये सुझाव दिये थे, उनमें से ज्यादातर को पूरा कर लिया गया है।
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Source : News Nation Bureau