जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटने के बाद भारत और पाकिस्तान में हुए तल्ख रिश्तों के बीच भारतीय वायु सेना की सैन्य क्षमता में बड़ा इजाफा हुआ है. स्पाइस-2000 लेजर गाइडेड बमों को इंडियन एयरफोर्स के बेड़े में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इजराइल से रविवार को मार्क 84 वॉरहेड और बमों के साथ स्पाइस 2000 बमों का पहला जत्था रविवार को ग्वालियर पहुंचा.
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इससे पहली भारत ने इजराइल से स्पाइस-2000 स्मार्ट बम की 200 यूनिट की खरीदी की थी. इसकी खासियत यह है कि यह एक जीपीएस गाइडेंस किट के साथ लगाया जाता है, जो हवा में गिरने वाले अनप्लग्ड बमों को सटीक निशाना लगाकर उड़ा सकता है. अभी भारतीय वायुसेना के मिराज-2000 विमान स्पाइस-2000 बमों से लैस हैं.
ये वही स्पाइस 2000 लेजर गाइडेड बम हैं, जिनका इस्तेमाल भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में की थी और आतंकवादी संगठन जैश-ए मोहम्मद के आतंकी शिविर पर हमला कर उसे तबाह कर दिया था. ये लेजर गाइडेड बम इतने खतरनाक हैं कि एक बार में पूरी बिल्डिंग ध्वस्त कर सकती है. जानकारी यह भी मिली है कि 300 करोड़ रुपये की लागत वाली लेजर गाइडेड बमों की वर्तमान डील के पूरा होने के बाद वायुसेना बड़ी संख्या में बमों को खरीदने का आदेश देगी.
भारतीय वायुसेना अपने लड़ाकू विमानों को और शक्तिशाली बनाने के लिए सुखोई-30 एमकेआई को भी इजराइल के स्पाइस-2000 बमों से लैस करने की तैयारी कर रही थी. हालांकि, अभी इस बात की जानकारी नहीं है कि यह प्रक्रिया पूरी हुई है या अभी चल रही है.
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ये लेजर गाइडेड बम सटीक निशाने पर तबाही मचाने को सबसे बेहतर माने जाते हैं. लड़ाकू विमानों से इन बमों को बेहद सटीक निशाना लगाकर दुश्मन को चंद सेकंड में नेस्तनाबूद किया जा सकता है. ये लेजर गाइडेड स्पाइस 2000 बम दुश्मन और आतंकियों के बंकरों को आसानी से तबाह कर सकता है. ये बम वॉरहेड का इस्तेमाल कर आसानी से पूरी की पूरी बिल्डिंग को गिरा सकता है.