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चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए C-17 ग्लोबमास्टर और चिनूक विमान लगा रहे हैं चक्कर, देखें Video

भारतीय सेना लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर पूरी तरह से मुस्तैद है. भारतीय वायुसेना का बोइंग C-17 ग्लोबमास्टर भी लद्दाख में तैनात है. यहां पर इस विमान से रसद खाद्य सामग्री की आपूर्ति की जाएगी.

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nitu pandey
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Indian Air Force

LAC पर C-17 ग्लोबमास्टर और चिनूक विमान लगा रहे हैं चक्कर, देखें Video( Photo Credit : ANI)

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भारत और चीन के बीच तनाव जारी है. चीन कभी दोस्ती की बात करता है तो कभी भारत को धौंस दिखाने लगता है. चीन की तरफ से बार-बार मिल रही धोखेबाजी को देखते हुए भारत ने हर मोर्चे पर अपनी तैयारी पुख्ता कर रखा है. भारत चीन की नस-नस से वाकिफ है. इसलिए वो कोई भी कमी अपनी तैयारी में नहीं आने देना चाहती है.

भारतीय सेना लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर पूरी तरह से मुस्तैद है. भारतीय वायुसेना का बोइंग C-17 ग्लोबमास्टर भी लद्दाख में तैनात है. यहां पर इस विमान से रसद खाद्य सामग्री की आपूर्ति की जाएगी. शनिवार को ग्लोबमास्टर को लेह एयरबेस में लैंड कराया गया.

बोइंग सी-17 ग्लोबमास्टर विश्व के बड़े मालवाहक जहाजों में से एक है. यह किसी भी कठिन जगह पर बड़े आराम से उतर सकता है. यह विमान कारगिल, लद्दाख और अन्य उत्तरी और उत्तर पूर्वी सीमाओं जैसे कठिन जगहों पर पर आसानी से उतर सकता है.

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चीन के साथ युद्ध की स्थिति में बोइंग-सी 17 काफी मददगार साबित हो सकती है. इस विमान के लैंडिंग में परेशानी होने की स्थिति में रिवर्स गियर भी दिया गया है.  81वीं स्क्वार्डन के ग्रुप कैप्टन को ‘गोल्डन की’ देकर विमान को भारतीय वायुसेना में शामिल किया.

इसके अलावा एलएसी पर चिनूक हेलीकॉप्टर को भी तैयार कर रखा है. शनिवार को चिनूक ने भी उड़ान भरी. इन दोनों विमान को भारतीय सेना सामानों की आपूर्ति के लिए तैयार कर रही है. अगर चीन से किसी भी वक्त युद्ध जैसी स्थिति बनती है तो जरुरी सामानों की आपूर्ति के लिए ये हमेशा तैनात रहेंगे.

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 एयर चीफ मार्शल आर.के.एस. भदौरिया  ने साफ कर दिया है कि भारतीय वायुस सेना चीन से निपटने के लिए तैयार है. वायुसेना दिवस पर पूर्वी लद्दाख में सुरक्षा चुनौतियों का जिक्र करते हुए वायुसेना प्रमुख ने उत्तरी सीमांतों पर हालिया गतिरोध के दौरान वायुसेना के जांबाज योद्धाओं की ‘त्वरित प्रतिक्रिया’ के लिए उनकी सराहना की. साथ ही, किसी भी तरह की परिस्थितियों से निपटने के लिए बहुत कम समय में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर युद्ध संबंधी साजो सामान की त्वरित तैनाती के बारे में भी बात की.

Source : News Nation Bureau

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