पुलवामा हमले के 75 दिन बाद आखिरकार पूरी दुनिया ने मान लिया कि जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कर दिय. मोदी सरकार की बड़ी बड़ी उपल्बिधयों में से एक इस सफलता के पीछे वैसे तो अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस का भी योगदान है लेकिन संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत सैयद अकबरुद्दीन का भी उतना ही बड़ा रोल है जितना कि इन देशों और मोदी सरकार की कूटनीति का. आइए जानते हैं कौन हैं सैयद अकबरुद्दीन
- सैयद अकबरुद्दीन संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत हैं.
- वह संयुक्त राष्ट्र संघ में जनवरी 2016 से भारत के स्थाई प्रतिनिधि हैं.
- सैयद अकबरुद्दीन के पिता का नाम सैयद बशीरुद्दीन है.
- सैयद अकबरूद्दीन 1986 बैज के प्रशासनिक सेवा अधिकारी हैं.
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- सैयद अकबरुद्दीन साल 2004 से 2005 के बीच फॉरेन सेक्रेटरी ऑफिसर भी रहे.
- वह वियतनाम में इंटरनेशनल ऑटोमिक एनर्जी एजेंसी में चार साल तक डिप्यूटेशन पर रहे और 2011 में भारत लौटे.
- सैयद अकबरुद्दीन जिद्दा में साल 2000 से 2004 के बीच कौंसल जनरल भी रहे.
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- सैयद अकबरुद्दीन तीन साल तक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता भी रहे
- सैयद अकबरुद्दीन साल 2012-2015 के बीच विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता भी रहे.
- अकबरुद्दीन अक्टूबर 2015 में हुई भारत-अफ्रीका समिट के कॉर्डिनेटर रहे हैं.
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- अप्रैल 2015 से सितंबर 2015 के बीच सैयद अकबरुद्दीन विदेश मंत्रालय में एडिशनल सेक्रेटरी भी रहे.
- इसके बाद उन्हें संयुक्त राष्ट्र में भारत का स्थाई प्रतिनिधि नियुक्त किया गया.
Source : News Nation Bureau