भारतीय और अमेरिकी सेना के जवान इस साल 8 फरवरी से 21 फरवरी तक राजस्थान के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में भूमि अभ्यास 'युद्ध अभ्यास 20' में हिस्सा लेंगे. 'युद्ध अभ्यास 20' पेशेवर और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए उत्कृष्ट अवसर प्रदान करेगा, जो साझा शिक्षण और प्रशिक्षण के माध्यम से हमारी साझेदारी को मजबूत करने का काम करेगा. यह प्रशिक्षण विशेषज्ञ शैक्षणिक आदान-प्रदान के साथ ही पेशेवर विकास कार्यशालाओं के साथ शुरू होगा, जो कि वाहिनी स्तर (कॉर्प्स लेवल) पर प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित करेगा. इसमें पारंपरिक, अपरंपरागत और विभिन्न प्रकार के खतरों के खिलाफ लड़ाई के लिए तैयार रहने और मानवीय सहायता एवं आपदा राहत के लिए भी खुद को तैयार करने पर जोर दिया जाएगा.
यह भी पढ़ें : खालिस्तान की नई धमकी...कृषि कानून वापस होने के बाद होगी असली 'जंग'
250 अमेरिकी सैनिक और 250 भारतीय सेना के जवान शामिल होंगे
इस अभ्यास में लगभग 250 अमेरिकी सैनिक और 250 भारतीय सेना के जवान शामिल होंगे. जम्मू एवं कश्मीर राइफल्स की 11वीं बटालियन और 1-2 स्ट्राइकर ब्रिगेड कॉम्बैट टीम की दूसरी बटालियन और तीसरी इन्फैंट्री रेजिमेंट इस अभ्यास में हिस्सा लेंगी. यह वार्षिक प्रशिक्षण अभ्यास प्रशिक्षण एवं सांस्कृतिक आदान-प्रदान के साथ ही सामान्य रक्षा उद्देश्यों के माध्यम से इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में साझेदारी को भी बढ़ावा देता है.
यह भी पढ़ें : मुंबई में लगी भीषण आग, मौके पर पहुंची दमकल की गाड़ियां
युद्धाभ्यास 8 फरवरी से शुरू होगा
बीकानेर की महाजन फायरिंग रेंज में भारत और अमेरिकी सेना के बीच युद्धाभ्यास 8 फरवरी से शुरू होगा. इस इंडो-यूएस ज्वाइंट एक्सरसाइज में शामिल होने के लिए अमेरिका की सेना 5 फरवरी को भारत पहुंचेगी. इस एक्सरसाइज में भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व सप्त शक्ति कमान की 11वीं बटालियन जम्मू-कश्मीर राइफल्स करेगी. वहीं, अमेरिकी सेना का प्रतिनिधित्व 2 इन्फेंट्री बटालियन, 3 इन्फेंट्री रेजिमेंट, 1-2 स्ट्राइकर ब्रिगेड कॉम्बैट टीम के सैनिक करेंगे. फायरिंग रेंज में 8 से 21 फरवरी तक चलने वाले युद्धाभ्यास में इन्फैंट्री के कॉम्बैट व्हीकल व हेलीकॉप्टर भी भाग लेंगे.
वहीं, दोनों देशों के बीच सामरिक स्तर पर अभ्यास और एक दूसरे के बीच तालमेल बढ़ाना भी इस युद्धाभ्यास का मकसद है. अमेरिकी सेना के साथ युद्धाभ्यास वैश्विक आतंकवाद में सामने आई सुरक्षा चुनौतियों के संदर्भ में महत्वपूर्ण है. मित्र देशों की सेना के साथ युद्ध कौशल विकसित करने के लिए युद्धाभ्यास आयोजित किए जाते हैं. अमेरिका और भारत को भारत-प्रशांत क्षेत्र में अच्छे मित्र के तौर पर चीन के विरुद्ध देखा जा रहा है. ऐसे में प्रस्तावित युद्धाभ्यास को काफी अहम माना जा रहा है.
Source : IANS/News Nation Bureau