सीडीएस जनरल बिपिन रावत (CDS Gen Bipin Rawat) ने शुक्रवार को बेंगलुरु में कहा कि 1971 का भारत-पाक युद्ध वास्तव में एक ऐतिहासिक घटना थी जिसने दक्षिण एशियाई उपमहाद्वीप के भूगोल को बदल दिया ... केवल 14 दिनों की अवधि में युद्ध सफलतापूर्वक समाप्त हो गया और एक संप्रभु राष्ट्र बांग्लादेश का जन्म पाकिस्तान शासन से मुक्ति के साथ हुआ. सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने कहा कि विरोधियों से आगे रहने के लिए हमारा लक्ष्य भविष्य में नई तकनीकों जैसे कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बिग डेटा एनलसिस, क्वांटम कंप्यूटिंग, हाइपरसोनिक हथियार प्रणाली, रोबोटिक्स, नैनो टेक्नोलॉजी, स्वायत्त मानव रहित प्रणालियों और डाइरेक्टेड इनर्जी वेपन जैसी प्रौद्योगिकियों को शामिल करने का होना चाहिए.
इससे पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष रावत ने बृहस्पतिवार को कहा था कि मौजूदा वक्त में सीमाओं और महासागरों पर नजर रखने में मददगार उन्नत निगरानी प्रणालियां खरीदना ही सशस्त्र बलों की सर्वोच्च प्राथमिकता है. उनका यह भी कहना था कि निगरानी क्षमताओं के बाद देश को अपनी साइबर क्षमताओं को बढ़ाने पर गौर करना चाहिए. उनसे पूछा गया था कि भारतीय सशस्त्र बलों की वह कौन सी जरूरतें हैं जिन पर निजी उद्योगों को ध्यान केंद्रित करना चाहिए.
प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल रावत का मानना है कि भारतीय निजी उद्योग क्षेत्र को देश के सशस्त्र बलों की अभियान संबंधी क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में काम करना चाहिए. उन्होंने कहा था कि शांति और संघर्ष, सभी क्षेत्रों में आपरेशनों को अंजाम देने की क्षमता के लिए अंतरिक्ष और साइबर क्षेत्र मौजूदा वक्त में बेहद महत्वपूर्ण हो गए हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि भारतीय उद्योग युद्ध जीतने की क्षमताओं के लिए नई तकनीकों और प्रौद्योगिकियां मुहैया कराएंगे.