भारतीय सेना को स्वदेशी रूप से विकसीत 12 शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम मिल गया है. शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम से छोटी नदियों और नहरों जैसी भौगोलिक बाधाओं से सेना को सुविधा मिलेगी. 10-10 मीटर के ये 12 ब्रिजिंग सिस्टम यानी छोटा पुल पाकिस्तान के साथ सटी पश्चिमी सीमाओं पर संचालन के लिए होगा. कोर ऑफ इंजीनियर्स में 492 करोड़ रुपये की लागत से पहले 12 स्वदेशी शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम को विकसित किया गया है. एक सैन्य अधिकारी ने बताया कि शॉट ब्रिजिंग सिस्टम के जरिए किसी भी बाधा को दूर किया जा सकता है. यह पानी में 70 टन तक ले जाने में सक्षम है. यह सिस्टम कोर ऑफ इंजीनियर्स की मौजूदा ब्रिजिंग क्षमता को कई गुना बढ़ा देता है.
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वहीं, सेना जनरल मुकंद नरवाने ने कहा कि यह शॉर्ट स्पैन ब्रिज पूरी तरह से मेड इन इंडिया है. इसका उत्पादन एलएंडटी द्वारा किया गया है और डीआरडीओ द्वारा डिजाइन किया गया है. यह आत्मानिर्भर भारत की ओर एक और कदम है. सेना में शॉर्ट स्पैन ब्रिज को शामिल करने के दौरान सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाने ने कहा कि यह सेना की क्षमता को बढ़ाएगा.
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवाने द्वारा दिल्ली कैंट में कोर ऑफ इंजीनियर्स को यह उपकरण सौंपे गए हैं. इसकी कीमत 492 करोड़ रुपये से अधिक है. उन्होंने बताया कि इस प्रणाली को डीआरडीओ के साथ भारतीय सेना के इंजीनियरों द्वारा डिजाइन किया गया है और देश के भीतर लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड द्वारा निर्मित किया गया है. अधिकारियों ने कहा कि पिछले एक साल में उद्योगों पर लगाए गए कोरोना प्रतिबंधों के बावजूद भारतीय सेना को ब्रिजिंग सिस्टम की आपूर्ति समय की जा रही है.
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HIGHLIGHTS
- भारतीय सेना को मिले 12 स्वदेशी ब्रिजिंग सिस्टम
- सीमा पर हर बाधा से लड़ने में होगी मददगार
- यह सिस्टम कोर ऑफ इंजीनियर्स की मौजूदा ब्रिजिंग क्षमता को कई गुना बढ़ा देता है