चीन (China) के साथ एक बार फिर तनातनी के बाद भारत ने पैंगोंग में अपनी सैन्य ताकत और बढ़ा दी है. सूत्रों के मुताबिक पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग त्सो झील के आसपास सभी रणनीतिक ठिकानों पर सैनिकों और हथियारों की तादाद बढ़ा दी गई है. भारत की ओर से चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए सभी मोर्चे पर घेराबंदी की जा रही है. पूर्वी लद्दाख में चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर निगरानी तंत्र को भी और मजबूत व सतर्क कर दिया है.
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दरअसल एक तरफ चीन बातचीत के रास्ते सीमा विवाद को सुलझाने की कोशिश कर रहा है तो वहीं दूसरी तरफ चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी लगातार उकसावेपूर्ण कार्रवाई हुई है. जानकारी के मुताबिक सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे ने ताजा वाकये के बाद सेना के शीर्ष अधिकारियों के साथ अलग बैठक की. चीन ने एकबार फिर पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे की ओर घुसपैठ की कोशिश कर कब्जा करने करने की कोशिश की. लेकिन चीन की धोखा देने की रणनीति से वाकिफ भारतीय सेना सतर्क थी. भारत के कड़े रुख के चीनी सेना को वापस लौटना पड़ा.
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चीन ने तैनात किए जे-20
जानकारी के मुताबिक चीन ने होतान एयरबेस पर जे-20 लड़ाकू विमान और कई अन्य हथियार तैनात किए हैं. यह हवाई ठिकाना पूर्वी लद्दाख में एलएसी से महज 310 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. दूसरी तरफ चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय वायुसेना ने सुखोई 30 एमकेआई, जगुआर, मिराज-2000 जैसे लड़ाकू विमान लद्दाख और एलएसी के अन्य अग्रिम वायुसेना ठिकानों पर तैनात कर रखे हैं. भारत ने अपाचे और चिनूक हेलीकॉप्टर को भी अग्रिम मोर्चे पर भेज दिया है.
Source : News Nation Bureau