भारतीय सेना ने अपने नाम एक और रिकॉर्ड दर्ज करवा दिया है. चीन की सीमा पर भारतीय सेना ने दुनिया की सबसे ऊंची, तकरीबन 14,500 फीट से ज्यादा पर टैंक मरम्मत सुविधाओं में से एक स्थापित की है. सेना ने पूर्वी लद्दाख में अपने 500 से अधिक टैंकों और पैदल सेना के लड़ाकू वाहनों को तैनात करने के अपने अभियान के तहत ये व्यवस्था की है. बता दें कि, ये टैंक और पैदल सेना के लड़ाकू वाहनों के लिए दुनिया का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र है.
गौरतलब है कि, अप्रैल-मई 2020 में भारत और चीन के बीच गतिरोध शुरू होने और वहां चीनी आक्रमण के बाद पूर्वी लद्दाख में बड़ी संख्या में टैंक और बीएमपी लड़ाकू वाहनों के साथ-साथ भारत में निर्मित बख्तरबंद वाहनों को तैनात किया गया है.
भारतीय सेना के एक अधिकारी ने बताया कि, "टैंक और पैदल सेना के लड़ाकू वाहनों को इन अत्यधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात किया गया है, जहां से रखरखाव और मरम्मत के लिए उन्हें वापस लाना बेहद मुश्किल है. इसलिए इतनी ऊंचाई पर बख्तरबंद वाहन संचालन को मेंनेट रखने में मदद के लिए, हमने न्योमा में और डीबीओ सेक्टर में डीएस-डीबीओ रोड पर KM-148 के पास इन मध्यम रखरखाव (रीसेट) सुविधाओं की स्थापना की है. ये दो मुख्य क्षेत्र हैं जहां टैंक और आईसीवी ऑपरेशन पूर्वी लद्दाख सेक्टर में केंद्रित हैं."
मालूम हो कि, भारतीय सेना उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जहां सर्दियों में तापमान बेहद कम है, टी-90 और टी-72, बीएमपी और के-9वज्र स्व-चालित हॉवित्जर सहित अपने टैंकों को रखने के लिए बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रही है.
हाल ही में, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने बख्तरबंद लड़ाकू वाहनों (एएफवी) के लिए मध्यम रखरखाव (रीसेट) सुविधा का दौरा किया, जहां उन्होंने अद्वितीय रखरखाव सुविधा देखी. सेना के अधिकारियों ने कहा कि, नई सुविधाएं टैंकों और पैदल सेना के लड़ाकू वाहनों की बेहतर सेवाक्षमता और मिशन विश्वसनीयता को बढ़ावा देती हैं.
Source : News Nation Bureau