7 सितंबर को चीन की तरफ से एलएसी पर हुई फायरिंग के बाद भारतीय सेना ने आज यानी मंगलवार को बयान जारी किया है. सेना की तरफ से कहा है कि भारतीय जवानों की तरफ से गोलीबारी जैसी कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है. चीनी सेना ने ही गोलीबारी की थी. सेना की तरफ से कहा गया है कि चीनी सैनिक भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे. भारतीय सेना ने रोकने की कोशिश की तो उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी. भारतीय सेना की तरफ से बताया गया है कि चीन ने कुछ राउंड हवा में फायरिंग की.
इस मामले में तीनों सेना प्रमुखों की बैठक होनी है. इसी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री को भी इस बारे में जानकारी दी गई है.
बता दें, लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर जारी तनाव के बीच पूर्वी लद्दाख सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास भारत और चीन के सैनिकों में गोलीबारी की घटना हुई है. सूत्रों का कहना है कि 1975 के बाद सीमा पर पहली बार भारत-चीन में फायरिंग हुई है. वहीं दूसरी ओर एक तरफ चीन बातचीत के जरिए LAC पर चल रहे तनाव का निपटारा करने की कोशिश करता है तो वहीं दूसरी ओर अतिक्रमण की कोशिश नाकाम होने पर बौखलाकर कर भारत पर ही आरोप मढ़ देता है.
दरअसल भारत में चीनी दूतावास का कहना है कि भारतीय सैनिकों ने 31 अगस्त को वास्तविक निंयत्रण रेखा का अतिक्रमण किया. दूतावास के प्रवक्ता दी रॉन्ग ने कहा कि 31 अगस्त को भारतीय सैन्य दलों ने चीन और भारत के बीच बातचीत के दौरान बनी सहमति का उल्लंघन करते हुए पेंगोंग त्सो लेक के दक्षिणी छोर और रेकिन पास के करीब एलएसी का अतिक्रमण किया.
रेकिन-दर्रा चीन-भारत सीमा का पश्चिमी इलाका है. चीन की तरफ से दिए जा रहे ऐसे बयानों से उसकी बौखलाहत साफ नजर आ रही है. लेकिन बड़ा सवाल ये है कि चीन भारत पर इतना बौखलाया हुआ है.
Source : News Nation Bureau