Tit For Tat: चीन पर नजर, भारत कर रहा अफ्रीका में रक्षा संबंध मजबूत

10 दिवसीय AFINDEX अभ्यास में नौ अफ्रीकी देश क्रमशः इथियोपिया, घाना, केन्या, लेसोथो, नाइजर, सेशेल्स, तंजानिया, युगांडा और जाम्बिया के दल भाग लेंगे.

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Nihar Saxena
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2019 में हुआ था हला भारत-अफ्रीकी देशों का युद्धाभ्यास.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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अफ्रीका में भी चीन ने प्रमुख रणनीतिक घुसपैठ  कर रखी है. इसके मद्देनजर अपनी सैन्य पहुंच बढ़ाने की समग्र नीति के अनुरूप भारतीय सेना इस महीने पुणे में अफ्रीका-भारत क्षेत्र प्रशिक्षण अभ्यास और एक प्रमुख सम्मेलन आयोजित करने जा रही है. सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक 21 मार्च से शुरू होने वाले 10 दिवसीय AFINDEX अभ्यास में नौ अफ्रीकी देश क्रमशः इथियोपिया, घाना, केन्या, लेसोथो, नाइजर, सेशेल्स, तंजानिया, युगांडा और जाम्बिया के दल भाग लेंगे. इनके अलावा कांगो, मिस्र, नाइजीरिया, रवांडा, जिम्बाब्वे, कैमरून और मोरक्को सहित 11 अन्य देश अभ्यास के लिए पर्यवेक्षक भेज रहे हैं. यह अभ्यास 2019 के बाद दूसरी बार आयोजित किया जा रहा है.

28 मार्च को अफ्राकी प्रमुखों का सम्मेलन भी
यही नहीं, पहले अफ्रीका प्रमुखों का सम्मेलन भी 28 मार्च को पुणे में इसी अभ्यास के साथ आयोजित किया जाएगा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सम्मेलन को संबोधित करने वाले हैं, जिसके लिए 10 प्रमुखों ने पहले ही अपनी भागीदारी की पुष्टि कर दी है, जबकि अन्य 12 अपने प्रतिनिधियों को भेज रहे हैं. एक तरफ भारत के पास चीन जैसे आर्थिक और सैन्य साधन नहीं हैं, लेकिन नई दिल्ली कई अफ्रीकी देशों के साथ अपने दीर्घकालिक संबंधों पर निर्भर है. उदाहरण के लिए भारत अफ्रीका के रक्षा मंत्रियों का सम्मेलन 2020 में लखनऊ में डेफएक्सपो के दौरान आयोजित किया गया था. इसके बाद पिछले साल गांधीनगर में डेफएक्सपो के दौरान भारत अफ्रीका रक्षा वार्ता हुई थी.

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बीते तीन सालों से अफ्रीका केंद्रित ठोस आउटरीच
पिछले तीन वर्षों में अफ्रीका केंद्रित एक बहुत ही ठोस आउटरीच रही है. आगामी अभ्यास और सम्मेलन भारत-अफ्रीका संबंधों को मजबूत करने के लिए की गई पहलों पर आधारित होंगे. एक अधिकारी ने कहा, इसका उद्देश्य सहयोगी तरीके से अफ्रीकी सेनाओं की क्षमता-वृद्धि में मदद करना भी है. जाहिर है भारत इस तरह अफ्रीकी देशों में चीन के प्रभाव को कम कर भारत की उपस्थिति बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है. गौरतलब है कि चीन ने कई अफ्रीकी देशों को भारी-भरकम ऋण मुहैया कराया हुआ है और एवज में उनपर परोक्ष नियंत्रण रख रहा है. इससे आजिज अफ्रीकी देश बेहतर मित्रवत विकल्प की तलाश में हैं.

HIGHLIGHTS

  • 21 मार्च से शुरू होगा 10 दिवसीय AFINDEX अभ्यास
  • पहले अफ्रीका प्रमुखों का सम्मेलन भी 28 मार्च को पुणे में
  • चीनी प्रभाव कम कर भारत की उपस्थिति बढ़ाने की कवायद
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