सियाचिन में हिमस्खलन, सेना के 4 जवान शहीद, 2 पोर्टरों की भी मौत

सियाचिन ग्लेशियर में हुए हिमस्खलन से भारत के 8 सैनिक फंस गए थे जिन्हें रेस्क्यू कर लिया गया.

author-image
nitu pandey
एडिट
New Update
सियाचिन में हिमपात, हिमस्खलन की वजह से साल 2019 में छह सैन्यकर्मी हताहत हुए

सियाचिन में बर्फ के बीच फंसे सेना के 8 जवान( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर में हिमस्खलन होने की वजह से 4 जवान शहीद हो गए. वहीं दो पोर्टरों की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि 8 सदस्यों की टीम पेट्रोलिंग के दौरान बर्फीले तूफान में फंस गए. वो बर्फ में दब गए. उन्हें रेस्क्यू करने का काम तुरंत शुरू कर दिया गया. सूत्रों के मुताबिक, रेस्क्यू टीम ने तूफान में फंसे 8 सदस्यों को बाहर निकाल लिया, जिन्हें इलाज के लिए हेलिकॉप्टर की मदद से सैन्य अस्पताल भेजा गया. जिसमें 4 जवान इलाज के दौरान शहीद हो गए. मृतकों में दो पोर्टरों भी शामिल हैं. अब भी 7 लोग गंभीर हैं, जिनका अस्‍पताल में इलाज चल रहा है.

बता दें कि फरवरी में कुपवाड़ा जिले में भारी हिमस्खलन हुआ था. माछिल सेक्टर स्थित आर्मी पोस्ट में सेना के तीन जवान शहीद हो गए थे. जबकि एक जवान जख्मी हो गया था.

और पढ़ें:महाराष्ट्र में सरकार बनाने की जिम्मेदारी हमारी नहीं थी, बीजेपी छोड़कर भागी: संजय राउत

सियाचिन ग्लेशियर विश्व में सबसे ऊंचा सैन्य क्षेत्र माना जाता है. यहां पर तापमान माइनस से भी नीचे होता है. ठंड के मौसम में हिमस्खलन की घटनाएं ज्यादा होती हैं. पहले भी कई जवानों की जान सियाचिन में हिमस्खलन की वजह से हो चुकी हैं.

इसे भी पढ़ें:शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाने को लेकर सोनिया गांधी से कोई चर्चा नहीं हुई, बोले शरद पवार

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सियाचिन में तैनात बहादुर जवानों की तारीफ की थी. कुछ महीने पहले राजनाथ सिंह सियाचिन के दौरे पर गए थे. इस दौरान उन्होंने जवानों से बातचीत की थी और उनकी 'ढृढ़ संकल्प और प्रतिबद्धता' की सराहना की थी.

indian-army troops siachin
Advertisment
Advertisment
Advertisment