Advertisment

कासिम सुलेमानी को मारने वाला अमेरिकी स्टील्थ ड्रोन अपने बेड़े में शामिल करना चाहती है भारतीय सेना

इस ड्रोन की सबसे खास बात ये है कि इसे गुपचुप ढंग से लाया जा सकता है और रडार की नजर में आए टारगेट को खत्म किया जा सकता है.'

author-image
Aditi Sharma
एडिट
New Update
दिल्ली में बेहद खास होगा डोनाल्ड ट्रंप का लंच-डिनर, परोसी जाएगी विशेष थाली, पेश किया जाएगा ये स्पेशल पान

पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

भारतीय सेना अमेरिकी स्टील्थ ड्रोन को अपने बेड़े में शामिल करने की तैयारी में है. दरअसल ये वही स्टील्थ ड्रोन है जिसका इस्तेमाल अमेरिका ने ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी को मारने के लिए किया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे के दौरान ये मुद्दा उठाया जा सकता है. इस ड्रोन की सबसे खास बात ये है कि इसे गुपचुप ढंग से लाया जा सकता है और रडार की नजर में आए टारगेट को खत्म किया जा सकता है.' 

सूत्रों की मानें तो ये ड्रोन भारत की उन कार्रवाई के लिए बेहतर होंगे जो वह भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल सरहद पार के ज्ञात नॉन-स्टेट-एक्टर्स पर करना चाहता है. जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मौलाना मसूद अजहर और लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख हाफिज सईद ऐसेही नॉन-स्टेट-एक्टर्स हैं.

यह भी पढ़ें: कांग्रेस अध्‍यक्ष पद के लिए सोनिया गांधी-राहुल गांधी ब्रिगेड आमने-सामने, राज्‍यसभा सीटों के लिए भी जंग तेज

बता दें, अमेरिका ने ईरान के प्रमुख जनरल कासिम सुलेमानी (Qasim Sulemani) को एयर स्‍ट्राइक (US Air Strike) में मार गिराया था. हमले में कताइब हिजबुल्लाह के कमांडर अबू महदी अल-मुहांदिस भी मारे गए हैं. अमेरिका ने कासिम सुलेमानी को पहले से ही आतंकी घोषित कर रखा था. हमले के बाद अमेरिका ने यह कहा, सुलेमानी कई महीनों से इराक स्थित अमरीकी सैन्य ठिकानों पर हमलों को अंजाम देने में शामिल रहे हैं.

यह भी पढ़ें: दिल्ली के बाद अब AAP पूरे देश में अपनी पार्टी का करेगी विस्तार, ये होगा एजेंडा

मेजर जनरल कासिम सुलेमानी खाड़ी क्षेत्र के सबसे ताकतवर सैन्य कमांडर थे. अमेरिका-इजरायल विरोधी संगठन एक्सिस ऑफ रेजिस्टेंस बनाने का श्रेय कासिल सुलेमानी को ही जाता है. पश्चिमी देशों की मानें तो कासिम सुलेमानी हमास और शिया मिलिशिया से ईरान के संबंधों का मुख्य सूत्रधार थे. साल 1990 के दशक में कासिम सुलेमानी को करमन प्रांत में रेवोल्यूशनरी गार्ड्स का कमांडर नियुक्त किया गया था, अफगान सीमा से ड्रग्स तस्करी रोकने में योगदान दिया. साल 1998 में उन्‍हें कुद्स फोर्स की कमान सौंपी गई थी. 2007 में जनरल याह्या रहीम सफावी के इस्तीफे के बाद रेवोल्यूशनरी गार्ड्स के मुखिया की दौड़ में भी वे शामिल थे. कासिम सुलेमानी की ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वे ईरान के आयतुल्लाह खामेनेई के प्रति सीधे जवाबदेह थे.

Source : News Nation Bureau

indian-army America qasim sulemani america stealth drone
Advertisment
Advertisment