आर्मी ईस्टर्न कमांड ने शनिवार को 9 साल के कुत्ते 'डच' की मौत पर शोक मनाया. डच Eastern Command का तमगाधारी कुत्ता था, जो विभिन्न सेना के विभिन्न तरह के ऑपरेशनों में महत्वपू्रण भूमिका निभाता था. राष्ट्र की सेवा में इस तमगेधारी डच ने वास्तविक नायक की भूमिका निभाई है.डच ने 9 साल तक कई बार बड़े विस्फोटक खोजकर बड़े हादसे होने से बचाया. डच का जन्म 3 अप्रैल 2010 को मेरठ के आरवीसी सेंटर एंड कॉलेज में हुआ था. यह भारतीय सेना का सबसे अहम डॉग था.
डच ने आतंकरोधी अभियानों में कमाल की भूमिका अदा की. विस्फोटक को सूंघकर खोजने में उसे महारत हासिल थी. असम के गोलपारा में दिसंबर 2014 में एक पब्लिक बस में 6 किग्रा आईईडी का पता डच ने ही लगाया था. इससे बड़ी दुर्घटना होने से बच गई थी. ईस्टर्न कमांड ने डच को दो बार सम्मानित किया था.
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नवंबर 2014 में पीएम नरेंद्र मोदी के असम दौरे से पहले अलीपुरद्वार में कामाख्या एक्सप्रेस के एक कोच में 7 किग्रा IED विस्फोटक का पता लगाकर डच ने कई जिंदगियां बचाई थीं.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो