सीमा पर दुश्मनों को सबक सिखाने के लिए भारतीय सेना एक्सरसाइज कर रही है. देश के दुश्मनों के नापाक इरादों को विफल करने के लिए इंडियन आर्मी पहाड़ से लेकर रेगिस्तान तक अभ्यास कर रही है. सेना अरुणाचल प्रदेश से लेकर लद्दाख और कश्मीर से लेकर हिमाचल प्रदेश तक में एक्सरसाइज कर रही है. ये आर्मी की एनवल एक्सरसाइज है जिसे EWT यानी एक्सरसाइज विद ट्रूप्स कहते हैं. सेना हर वर्ष जून-जुलाई में अलग अलग स्तर पर वॉर गेम करती है. जिसमें सभी संभावनाओं पर बात होती है. इसमें हर एक एंगल पर बात कर ऑपरेशन की प्लानिंग तैयार की जाती है. यह एक तरह से कागजों पर होता है जिसके बाद फिर ग्राउंड में इसे वेलिडेट यानी सत्यापित करना होता है. इस वक्त आर्मी की अलग अलग कमांड इसे अलग अलग भौगोलिक परिस्थितियों और मौसम में वेलिडेट कर रही है.
लद्दाख में पिछले हफ्ते ही एक्सरसाइज पूरी हुई जिसमें एक्सरसाइज की गई कि किस तरह किसी चिन्हित जगह पर सैनिकों को उतारकर उसे कब्जे में लेना है. एयरफोर्स के साथ मिलकर विंटर स्टॉकिंग की एयर लिफ्ट एक्सरसाइज भी की गई. लाइन ऑफ कंट्रोल यानी पाकिस्तान बॉर्डर पर ऑपरेशन प्लानिंग को वेलिडेट करने की एक्सरसाइज कश्मीर में चल रही है. इसके अलावा जैसलमेर में भी इंडियन आर्मी एक्सरसाइज कर रही है. लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी चीन बॉर्डर के लिए अलग अलग सेक्टर में एक्सरसाइज चल रही है. सेंट्रल सेक्टर की एक्सरसाइज हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हिमालयन रेंज पर कई जा रही है. अरूणाचल प्रदेश में 15000 फीट की ऊंचाई पर पिछले हफ्ते से एक्सरसाइज शुरू हुई है.
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आर्मी अधिकारी के मुताबिक जैसलमेर में आर्मी की सदर्न कमांड की एक्सरसाइज चल रही है जो इस महीने के पहले हफ्ते में शुरू की गई. इसमें रेगिस्तान की परिस्थितियों में किस तरह दुश्मन के खिलाफ ऑपरेशन को अंजाम देना है उसे ग्राउंड लेवल पर चेक किया जा रहा है. इसमें आर्मी की पैदल सेना (इंफेंट्री), आर्टिलरी, आरमर्ड, एयर डिफेंस सहित सभी आर्म्स हिस्सा ले रही हैं. इसमें आर्टिलरी की अहम भूमिका है क्योंकि रेगिस्तान में होने वाले किसी भी ऑपरेशन में तोपों का अहम रोल होता है. ये एक्सरसाइज इंटीग्रेटेड वॉरफेयर के लिए ऑपरेशंस को भी वेलिडेट कर रही है. इसमें आर्मी के साथ नेवी, एयरफोर्स और बीएसएफ मिलकर किस तरह ऑपरेशन को अंजाम देगी यह परखा जा रहा है.
जैसलमेर में चल रही एक्सरसाइज 26 नवंबर को पूरी होगी. एक्सरसाइज के आखिरी दिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे भी जैसलमेर जाएंगे. उस दिन करीब 400 पैराट्रूपर्स एक साथ पैराजंप भी करेंगे.