चीनी की सीमा पर भारत अब किले बंदी की तैयारी कर रहा है. भारत 5जी तकनीक के स्पेक्ट्रम की नीलामी के साथ बॉर्डर इलाको में, पहाड़ी इलाकों एयर हाई एल्टीट्यूड 18000 फ़ीट की ऊंचाई पर 5जी तकनीक को एलएसी पर भी तैनात करने की तैयारी में है. चीन से अब 5जी के साथ मुकाबला होगा. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जहां 5जी के बेहतर रेस्पॉन्स की बात की. वहीं ये भी कहा कि हाई स्पीड नेटवर्क का जाल पहाड़ी, दुर्गम इलाकों के साथ बॉर्डर पर भी होगा. ताकि हमारे बॉर्डर्स को और सुरक्षित किया जा सके.
भारतीय सेना ने रिक्वेस्ट फॉर इन्फॉर्मेशन यानी आरएफआई जारी किया है. ताकि मोबाइल कम्यूनिकेशन कंपनियां वहां पर हाई स्पीड नेटवर्क वाला मोबाइल प्रणाली स्थापित कर सकें. आरएफआई के ज़रिए भारतीय जवान को संचार का बेहतर माध्यम मिल सकेगा जो पहाड़ी और 18 हज़ार फ़ीट की ऊंचाई पर तैनात हैं. उन्हें भी बेहतर नेटवर्क से लैस किया जा सकेगा. एक ऐसा नेटवर्क जो अभेद्य होगा और सुरक्षित वॉइस मेसेज से लेकर डाटा को और सुरक्षित बनाएगा. केंद्रीय मंत्री ने न्यूज़ नेशन के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि आम आदमी तक 5जी की सुविधा इस साल के अंत तक मिल जाएगी और 15 अगस्त से पहले सभी स्पेक्ट्रम आवंटित कर दिए जाएंगे.
आपको बता दें चीन ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के पास कई स्थानों पर 5G नेटवर्क स्थापित कर चुका है. चीन ने ये काम साल 2020 में लद्दाख में भारतीय और चीनी सेना के बीच हुए संघर्ष के बाद किया था.
Source : Sayyed Aamir Husain