भारत और चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) को लेकर जारी तनातनी के बीच आज हो रही हाई लेवल मीटिंग में पूर्वी लद्दाख में गतिरोध दूर करने का रास्ता निकल सकता है. LAC के पास चुशूल मोल्डो में हो रही इस मीटिंग से पहले अबतक दोनों देश लोकल, डेलिगेशन और कमांडर लेवल पर करीब 12 राउंड बातचीत कर चुके हैं पर नतीजा सिफर रहा. मीटिंग में गलवान एरिया, पैंगोग त्सो और गोगरा एरिया पर बात हो सकती है. सूत्रों की मानें तो मीटिंग में भारत अपने तेवर तल्ख ही रखेगा. कम से कम इन चार बिंदुओं पर भारत की सख्ती दिखेगी.
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- भारत चाहता है कि चीन के सैनिक भारतीय इलाके से हट जाएं.
- LAC पर फारवर्ड पोस्ट्स पर तैनात चीनी सैनिकों को वापस भेजा जाए.
- गलवान में भारत का इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने का काम जारी रहे.
- भारत यह आश्वासन भी चाहता है कि सीमा पर अब और हिंसक झड़पें नहीं होंगी. पिछले महीने हुई झड़प में दोनों तरफ के कई सैनिक घायल हो गए थे.
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लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह के बारे में
काउंटर इनसर्जेंसी में माहिर माने जाने वाले ले. जनरल हरिंदर सिंह लेह की 14 कॉर्प्स के कमांडर हैं, जिसे 'फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स' भी कहा जाता है. उनकी यूनिट सबसे खतरनाक टेरेन, मौसम और ऊंचाई पर ऑपरेट करती है. पिछले साल अक्टूबर में 14 कॉर्प्स की कमान संभालन से पहले ले. जनरल हरिंदर सिंह कई अहम पदों पर रहे हैं.
वे मिलिट्री इंटेलिजेंस, मिलिट्री ऑपरेशंस, ऑपरेशनल लॉजिस्टिक्स और स्ट्रैटजिक मूवमेंट के डायरेक्टर जनरल रह चुके हैं. ले. जनरल हरिंदर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ डिफेंस स्टडीज एंड एनालाइजेज में सीनियर रिसर्च फेलो हैं. सिंगापुर के एक कॉलेज में भी लेक्चर देते हैं. उन्होंने कई निबंध और रिसर्च पेपर लिखे हैं. उनकी किताब 'Establishing India's Military Readiness Concerns and Strategy' छपने को तैयार है.
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चीन को लेकर ले. जनरल हरिंदर सिंह की सोच
2010 में ले. जनरल हरिंदर सिंह ने एक पेपर में लिखा था, "भले ही रणनीतिक स्तर पर स्थिरता बनी हुई है, चीन लगातार राजनीति, कूटनीतिक और सैन्य मुखरता का प्रदर्शन करता रहता है. हाल के सालों में तिब्बत ऑटोनॉमस रीजन के भीतर चीन का रेलवे और सड़क इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करना भारत की चिंताओं को बढ़ाता है. चीन से रक्षा करने के लिए भारतीय सुरक्षा बलों को पर्याप्त तैयार रहना होगा."
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ले. जनरल हरिंदर सिंह के सामने होंगे ये चीनी अधिकारी
आज की कमांडर लेवल की मीटिंग में चीन की ओर से दक्षिण शिनजियांग मिलिट्री रीजन के कमांडर और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के ग्रुप मेजर जनरल लियु लिन मौजूद रहेंगे. वह साल 2015 से ही इस इलाके में तैनात हैं. उन्हें भी 2019 में कमांडर बनाया गया था.
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12 बार से अधिक दौर की बातचीत, नतीजा सिफर
मई के पहले हफ्ते में दोनों देशों के बीच विवाद शुरू होने के बाद से अब तक चीन के साथ भारत की 12 बार से अधिक बातचीत हो चुकी है मगर कोई हल नहीं निकल सका है. आज की मीटिंग में भी कोई अंतिम फैसला होने की उम्मीद कम ही है.