Advertisment

एयर इंडिया द्वारा किसी भी एकतरफा बदलाव से वेतन समझौता अवैध होगा: इंडियन कमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन

एयर इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक राजीव बंसल को लिखे पत्र में, आईसीपीए ने चेतावनी देते हुए कहा कि तय किए गए वेतन समझौते में एयर इंडिया द्वारा किसी भी प्रकार का बदलाव अवैध होगा और यह इस संकटग्रस्त समय में राष्ट्रीय विमान वाहक के हित में नहीं होगा.

author-image
Dhirendra Kumar
एडिट
New Update
air india

एयर इंडिया (Air India) ( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

इंडियन कमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन ने एयर इंडिया (Air India) के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर का पत्र लिखा है कि एयर इंडिया द्वारा किसी भी एकतरफा बदलाव पर सहमति बनने से वेतन समझौता अवैध होगा. यही नहीं एसोसिएशन ने पत्र लिखकर कहा है कि कोरोना वायरस महामारी के इस दौर में किसी भी तरह का एकतरफा बदलाव एयर इंडिया के हित में भी नहीं होगा. एयर इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक राजीव बंसल को लिखे पत्र में, आईसीपीए ने चेतावनी देते हुए कहा कि तय किए गए वेतन समझौते में एयर इंडिया द्वारा किसी भी प्रकार का बदलाव अवैध होगा और यह इस संकटग्रस्त समय में राष्ट्रीय विमान वाहक के हित में नहीं होगा.

यह भी पढ़ें: चीन को घेरने की तैयारी, 90 फाइटर जेट के साथ अंडमान के पास पहुंचा अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर

एयर इंडिया के लिए अंतिम बोली लगाने की तिथि 31 अगस्त
बता दें कि एयर इंडिया विक्रय प्रक्रिया से गुजर रहा है और अंतिम बोली लगाने की तिथि 31 अगस्त है. आईसीपीए ने कहा कि 16 जुलाई को नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी द्वारा किए गए प्रेस कांफ्रेंस में आपने कहा था, 'हम पायलटों से वार्ता कर रहे हैं', जो कि वास्तविकता से कोसो दूर है. आईसीपीए ने कहा है कि यह वार्ता नहीं थी, जबकि एमओसीए का कड़ा आदेश था, जिसके बारे में हमें बताया गया. हम भी ऑन रिकार्ड यह सामने रखना चाहते हैं कि तथाकथित वार्ता किसी भी तरह से सौहार्दपूर्ण नहीं है. आईसीपीए ने कहा, "उड़ान भत्ता और उड़ान संबंधी भत्ते में हमारे वेतन का 70 प्रतिशत हिस्सा समाहित है। ये भत्ते अप्रैल 2020 से भुगतान नहीं किए गए हैं. इसके अलावा सभी भत्ते काफी देरी से दिए गए.

यह भी पढ़ें: जानिए क्यों आपके पसंदीदा कैफे कॉफी डे ने 280 आउटलेट को कर दिया बंद, पढ़ें पूरी खबर

प्रस्ताव को बिना किसी लिखित कॉपी के हमें मौखिक समझाया गया, बताया गया प्रस्ताव हमें मंजूर नहीं है, क्योंकि यह भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त हमारे मूल अधिकारों और समानता के अधिकार के खिलाफ है. आईसीपीए ने कहा कि प्रबंधन एकतरफा कोई भी पुनर्निधारित वेतन लागू करने का निर्णय न ही ले सकता है और न ही लेना चाहिए. संगठन ने दावा किया कि औद्योगिक विवाद अधिनियम की धारा 9ए के तहत, एयर इंडिया लिमिटेड संघों को किसी भी बदलाव का नोटिस देने के लिए बाध्य है.

वित्तीय स्थिति काफी चुनौतीपूर्ण, बिना वेतन अवकाश सभी के लिए लाभ की स्थिति: एयर इंडिया
राष्ट्रीय विमानन कंपनी एयर इंडिया ने कहा है कि उसकी वित्तीय स्थिति काफी चुनौतीपूर्ण है और बिना वेतन अवकाश (एलडब्ल्यूपी) योजना कर्मचारियों और प्रबंधन दोनों के लिए लाभ की स्थिति है. एयर इंडिया ने बयान में कहा था कि यह योजना मुख्य रूप से ‘स्वैच्छिक आधार’ पर कर्मचारियों को एलडब्ल्यूपी पर भेजने से संबंधित है. इससे पहले एयरलाइन ने मंगलवार को आंतरिक आदेश जारी कर सभी विभागीय प्रमुखों तथा क्षेत्रीय निदेशकों से इस योजना के लिए कर्मचारियों की पहचान करने को कहा था। कर्मचारियों की पहचान दक्षता, स्वास्थ्य और अतिरिक्त संख्या के हिसाब से की जानी है। छांटे गए कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से पांच साल के लिए बिना वेतन अवकाश पर भेजा जाएगा. बयान में कहा गया है कि एयर इंडिया की वित्तीय स्थिति काफी चुनौतीपूर्ण है और एयरलाइन अपने परिचालन को कायम रखने के लिए कई पहल कर रही है.

यह भी पढ़ें: राहुल ने पूछा- '56 इंच वाली छवि' पर हमला कर रहा चीन, क्या मोदी मान जाएंगे हार

एयरलाइन ने कहा कि एलडब्ल्यूपी योजना प्रबंधन के साथ-साथ कर्मचारियों के फायदे की भी है। इससे कर्मचारियों को ‘लचीलापन’ मिलेगा और एयरलाइन का वेतन बिल कम हो सकेगा। एयर इंडिया ने कहा कि इस योजना के तहत प्रबंधन आदेश जारी कर अनिवार्य रूप से अपने कर्मचारियो को छह से दो साल तक बिना वेतन अवकाश पर जाने के लिए कह सकता है। इस अवधि को पांच साल तक बढ़ाया जा सकता. बयान में कहा गया है कि कर्मचारियों का चयन दक्षता, क्षमता, अनुकूलता, प्रदर्शन, स्वास्थ्य, अनुपलब्धता और कुछ स्थानों पर अतिरिक्त कर्मचारी होने के आधार पर किया जाएगा. (इनपुट एजेंसी)

Air India Air India Employee Air India Management Air India Without Pay
Advertisment
Advertisment
Advertisment