चीन के साथ सीमा पर तनाव बढ़ने के मद्देनजर सरकार ने हथियार और गोला बारूद खरीदने के लिये सेना के तीनों अंगों को 500 करोड़ रुपये तक की प्रति खरीद परियोजना की आपात वित्तीय शक्तियां दी हैं. सरकार के सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी. सेना के तीनों अंगों में थल सेना, वायुसेना और नौसेना आते हैं. सूत्रों ने बताया कि विशेष वित्तीय शक्तियां बलों को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अपने अभियान तैयारियों को बढ़ाने के लिये बहुत कम समय में हथियार एवं सैन्य साजो सामान की खरीद के लिये दी गई है.
सूत्रों ने बताया कि सरकार ने एक ही विक्रेता से जरूरी हथियार एवं उपकरणों की खरीद करने जैसी विशेष छूट देकर सैन्य खरीद में विलंब में भी कटौती की है. गौरतलब है कि 15 जून को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गये थे. इससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है. फिर से टकराव होने की आशंका के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने थल सेना, वायुसेना और नौसेना को पहले ही यह निर्देश दिया है कि वे एलएसी पर अपनी अभियान तैयारियों को बढ़ाएं.
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सैन्य सूत्रों ने बताया कि थल सेना आपात वित्तीय शक्तियों का उपयोग अपने गोला बारूद भंडार को बढ़ाने में करने जा रही है क्योंकि गतिरोध के जल्द दूर होने की बहुत कम संभावना है. एक सूत्र ने कहा, ‘‘सेना के तीनों अंगों को 500 करोड़ रुपये प्रति खरीद परियोजना के लिये दिये गये हैं.’’ गलवान घाटी में हुई झड़प पिछले 45 वर्षों में दोनों पक्षों के बीच हुआ सबसे बड़ा टकराव है. चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने अब तक यह नहीं बताया है कि उसके कितने सैनिक मारे गये हैं.
Source : Bhasha