केंद्र सरकार के नए 'हिट एंड रन' कानून का देश के कई राज्यों में जमकर विरोध हो रहा है. बीते शनिवार से बड़ी संख्या में राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, यूपी और बिहार के ड्राइवर और ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर्स इस कानून के खिलाफ चक्काजाम कर रहे हैं. गौरतलब है कि, केंद्र सरकार द्वारा इंडियन पीनल कोड, 2023 में संशोधन कर 'हिट एंड रन' मामले में नया प्रावधान किया है, जिसके तहत एक्सीडेंट होने पर ड्राइवर पर 10 साल की सजा और 7 लाख का जुर्माना लगाया जा सकता है.
गौरतलब है कि, 'हिट एंड रन' कानून में आए संशोधन के बाद, देशभर के कई हिस्सों में ड्राइवर नौकरी छोड़ रहे हैं. इसे लेकर ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) ने भारी विरोध दर्ज किया है. AIMTC का कहना है कि, प्रस्तावित कानून में कई खामियां हैं. एक तो पहले से ही 25-30 प्रतिशत ड्राइवरों की कमी है, जो इस कानून के बाद और बढ़ रही है.
देश की अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा योगदान देने वाले रोड ट्रांसपोटर्स और ड्राइवरों की परेशानी की तरफ सरकार का ध्यान नहीं है, जिसके चलते अब भारी वाहन चालक अपनी नौकरियां छोड़ रहे हैं. इसके चलते हमारा परिवहन उद्योग खतरे में है.
क्या है संशोधन?
दरअसल संशोधन से पहले, हिट एंड रन मामले को आईपीसी की धारा 279 (लापरवाही से वाहन चलाना), 304A (लापरवाही के कारण मौत) और 338 (जान जोखिम में डालना) के तहत केस दर्ज कार्रवाई की जाती थी, जिसमें दो साल की सजा का प्रावधान था. वहीं किसी विशेष केस में आईपीसी की धारा 302 भी जोड़ दी जाती थी, मगर अब सरकार द्वारा पुराने कानून में संशोधन के बाद सेक्शन 104 (2) के तहत हिट एंड रन की घटना के बाद अगर आरोपी मौका-ए-वारदात से फरार हो जाता है और पुलिस या मजिस्ट्रेट को सूचित नहीं करता है, तो उसे 10 साल तक की सजा काटनी पड़ेगी, साथ ही मोटा जुर्माना भी चुकाना पड़ेगा.
Source : News Nation Bureau