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भारत ने कहा रूस-यूक्रेन सीज फायर करें... भारतीयों को निकालना है

भारत (India) ने यह भी कहा कि उसे दोनों देशों की ओर से नागरिकों को संघर्ष वाले क्षेत्रों से निकलने देने के लिए सुरक्षित गलियारा बनाने के निर्णय पर अमल का इंतजार है.

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Nihar Saxena
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रूस के तेज होते हमलों के बीच एयरलिफ्ट प्रोग्राम में बाधा.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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हर गुजरते दिन के साथ यूक्रेन (Ukraine) पर तेज होते रूसी हमलों के बीच भारत ने युद्धग्रस्त यूक्रेन के संघर्ष वाले क्षेत्रों से अपने नागरिकों को बाहर निकालने के लिए रूस (Russia)  और यूक्रेन से स्थानीय युद्ध विराम की मांग की है, ताकि वह अपने शेष नागरिकों को सुरक्षित निकाल सके. भारत (India) ने यह भी कहा कि उसे दोनों देशों की ओर से नागरिकों को संघर्ष वाले क्षेत्रों से निकलने देने के लिए सुरक्षित गलियारा बनाने के निर्णय पर अमल का इंतजार है. इससे पहले रूस के अधिकारियों ने यूक्रेन के सूमी और खारकीव से भारतीय छात्रों को निकालने के लिए 130 बसों की व्यवस्था की है. 

रूस ने भारतीय छात्रों के लिए तैयार की 130 बसें
शीर्ष रूसी सैन्य अधिकारी कर्नल-जनरल मिखाइल मिजि़ंटसेव के हवाले से रूसी समाचार एजेंसी टास ने कहा कि रूस युद्धग्रस्त यूक्रेन के खारकीव और सूमी शहरों से अपने बेलगोरोड क्षेत्र में फंसे हुए भारतीय छात्रों और अन्य विदेशियों को निकालने के लिए 130 बसें भेजने के लिए तैयार है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि लगभग 300 भारतीय खारकीव में और 700 सुमी में हैं. करीब 900 नागरिक पेसोचिन में थे, जिनमें से अनेक को पांच बसों से बाहर निकाला गया है. उन्होंने कहा कि भारत पूर्वी यूक्रेन से अपने नागरिकों को निकालने पर ध्यान केंद्रित किए हुए है, जिसमें खारकीव और सुमी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि अनुमानित रूप से यूक्रेन में 2000 से 3000 के बीच भारतीय फंसे हो सकते हैं.

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पीएम मोदी ने की पुतिन से बात
टास ने यह भी कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात करने और युद्धग्रस्त यूक्रेन से भारतीयों की सुरक्षित निकासी पर चर्चा करने के एक दिन बाद आया है. 700 से अधिक भारतीय छात्र सूमी में फंसे हुए हैं और उनके पास भोजन और पानी जैसी बुनियादी जरूरतें खत्म हो रही हैं और वे भारत सरकार से उन्हें वहां से निकालने का आग्रह कर रहे हैं. इस बीच सरकारी सूत्रों ने कहा कि सूमी और खारकीव में फंसे छात्रों सहित भारतीय नागरिकों के लिए आवश्यक व्यवस्था करने के लिए भारतीय अधिकारियों को बेलगोरोड में प्रतिनियुक्त किया गया है और एक बार सुरक्षित मार्ग प्रदान किए जाने या युद्धविराम के मामले में, उन्हें इन स्थान से निकाला जाएगा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत की मुख्य चिंता पूर्वी यूक्रेन के खारकीव और सूमी के संघर्ष क्षेत्रों से अपने नागरिकों को निकालना है.

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मानवीय गलियारा बनाने में कोई प्रगति नहीं 
बागची ने कहा कि भारत ने यूक्रेन से निकासी अभियान के तहत बांग्लादेश के एक नागरिक को निकाला है. उन्होंने कहा कि रूस और यूक्रेन ने गुरुवार को संघर्ष वाले क्षेत्र से नागरिकों को सुरक्षित निकासी में मदद के लिए मानवीय गलियारा बनाने की बात कही थी, लेकिन अभी तक हमने कोई प्रगति नहीं देखी है. बागची ने कहा कि ऐसे में हमारी दोनों पक्षों से गुजारिश होगी कि संघर्ष विराम, स्थानीय स्तर का संघर्ष विराम हो, ताकि हम अपने लोगों को निकाल सकें. बागची ने कहा कि हमने किसी भारतीय को वहां (यूक्रेन में) बंधक बनाए जाने के बारे में नहीं सुना है. उन्होंने कहा कि सुरक्षा स्थिति के कारण कुछ इलाकों से निकलने में कठिनाई पेश आ रही है, खास तौर पर खारकीव और सुमी क्षेत्र से.

HIGHLIGHTS

  • अभी भी 300 भारतीय खारकीव में और 700 सुमी में फंसे हुए
  • भारतीयों को निकालने के लिए युद्ध विराम की बात रखी गई
  • रूस ने पीएम मोदी की अपील पर सीमा पर खड़ी की 130 बसें
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