चीन ने खिलौनों और इलेक्ट्रानिक उपकरणों से लेकर बहुत सी छोटी-छोटी चीजों में अपने पोडक्ट्स से हर देश में अपनी बिजनेस में अपनी साख जमा ली है. चीन के प्रोडक्ट्स दुनिया के सभी देशों में छाए हुए हैं. बिजनेस की दुनिया में भारत में चीनी वर्चस्व को हर क्षेत्र में खत्म करने का भारत सरकार ने एक बड़ा प्लान तैयार किया है. भारत के केंद्रीय शिपिंग मंत्री मनसुख मांडविया ने न्यूज नेशन से बातचीत के दौरान बताया कि वो कैसे मेक इन इंडिया के प्रोडक्ट्स के दम पर देश से चीनी वर्चस्व को खत्म करेंगे.
केंद्रीय मंत्री ने न्यूज नेशन संवाददाता से बातचीत करते हुए बताया कि टग बोट इंडस्ट्री में चीनी वर्चस्व को खत्म करना है. इसको लेकर मंत्रालय ने प्लान बनाया जिसमे मेक इन इंडिया के तर्ज पर टग बोट बड़ी संख्या में बनाई जाएगी जिससे आत्मनिर्भर भारत मिशन को इस क्षेत्र में आगे बढ़ाया जा सके. इस क्षेत्र में सफलता मिलने के बाद समंदर पार होगा भारत का दबदबा, चीन की निकलेगी हवा, अब चीनी टगबोट का होगा बंदरगाहों से सफाया, भारत की टगबोट बनेगी सहारा.
पहले हटाए थे 244 चीनी एप, अब समंदर में ड्रैगन को देंगे शिकस्त
भारत चीन से सिर्फ सरहद पर लड़ने और उसको धूल चटाने के लिए तैयार ही नहीं है बल्कि दूसरे आर्थिक मोर्चे पर भी भारत चीन को घेरने की तैयारी लगातार कर रहा है...सूत्र बता रहे हैं कि सभी मंत्रालयों को हिदायत दी गई है कि चीनी उत्पादों और उससे जुड़ी सर्विसों का इस्तेमाल खत्म करें या कम से कम करें - 244 चीनी एप के खात्मे के बाद अब समन्दर की बारी है जहां टग बोट पर अब भारत का दबदबा होगा.
जानिए क्या होती है टग बोट
गबोट का इस्तेमाल किसी भी विशालकाय पानी के जहाज़ को सही ठिकाने पर लगाने के लिए किया जाता है या फिर उसे खींचकर पानी में मदद करने के लिए किया जाता है. एक टगबोट की कीमत 50-80 करोड़ तक होती है. भारत में इस समय बंदरगाहों में करीब 800 टगबोट मौजूद है जिनमें ज्यादातर विदेशी है. न्यूज़ नेशन पर एक्सक्लूज़िव बातचीत में केंद्रीय शिपिंग मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि हम अब चीनी या विदेशी टगबोट का इस्तेमाल नहीं करेंगे बल्कि भारत में बनी टग बोट का इस्तेमाल करेंगे जिसकी तैयारी ज़ोरो पर हैं.
गुरुवार को सरोद पोर्ट का किया था दिल्ली से उद्घाटन
इसके पहले गुरुवार को केंद्रीय राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने SAROD Ports (सोसाइटी फॉर अफोर्डेबल रिड्रेसल ऑफ पोर्ट्स) का उद्घाटन किया. उन्होंने दिल्ली से ही वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए इसका उद्घाटन किया था. इस दौरान मंडाविया ने कहा कि सरोद पोर्ट एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जहां अगर पोर्ट और कंसेशनियर के बीच पोर्ट को लेकर कोई विवाद था, तो मध्यस्थता हुई और समयबद्ध तरीके से निर्णय नहीं लिए गए, जिससे चल रही परियोजनाएं प्रभावित हुईं.
Source : News Nation Bureau