जी हां ये हम नहीं कह रहे बल्कि कैट की आई वो रिपोर्ट कह रही है, जिससे ये बात सामने आई है कि इस दीवाली में चीनी उत्पादों पर भारतीय उत्पादों ने सर्जिकल स्ट्राइक कर दी है. इससे चीन को कोरोना काल की दो दीवाली और इस बार की दीवाली में चीनी उत्पादों के सामान के बहिष्कार की मुहिम रंग लाई और चीन को 1.5 लाख करोड़ का नुकसान हो रहा है. 24 अक्टूबर को दीवाली है कुछ दिन बाकी हैं लेकिन बाजार सज चुके हैं. बिजली से चमकती ये इलेक्ट्रॉनिक लड़ियां अब चीन में नहीं बल्कि हिन्दुतान में बनती और बिकती हैं.
ऐसे तमाम समान चीन से इस बार इम्पोर्ट नहीं किए गए जिसका असर ये रहा कि भारतीय सामानों का बोलबाला दिख रहा है. इस बात में कितना दम है इसे समझने को लेकर न्यूज़ नेशन ने एशिया की बड़ी बाज़ारों में एक सदर बाज़ार का रुख किया. यहा पर सजावटी समान बेचने वालों से बात की तो पता चला कि अब चीनी सामान न के बराबर है.
खास बात है कि भारत में बने एफएमसीजी उत्पाद, उपभोक्ता वस्तुएं, खिलौने, बिजली के उपकरण और सामान, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और सफेद सामान, रसोई के सामान, उपहार की वस्तुएं, मिठाई- नमकीन , घर का सामान, टेपेस्ट्री, बर्तन, सोना और गहने, जूते, घड़ियां , फर्नीचर, फिक्सचर ,वस्त्र, फैशन परिधान, कपड़ा, घर की सजावट का सामान, मिट्टी के दिए सहित दीवाली पूजा का सामान, सजावटी सामान जैसे दीवार की लटकने वाले सजावटी सामान, हस्तकला की वस्तुएं, कपड़े, घर द्वार पर लगाने वाले शुभ-लाभ,ओम, देवी लक्ष्मी के चरण जैसे तमाम उत्पाद भारतीय हैं और भारत में ही इनकी खपत हो रही है. चीन इस समय दोहरी मार झेल रहा है एक तरफ व्यापार के मोर्चे पर भारत मे दीवाली के बाजार को अब चीन पर भरोसा नहीं वही चीन की गुणवत्ता एक बड़ी समस्या बन चुकी है जिसकी वजह से चीनी सामान से लोगों का मोह भंग हो रहा है.
HIGHLIGHTS
- ड्रेगन के सामानों पर भारतीय बाजारों के सर्जिकल स्ट्राइक
- दीवाली बाज़ारों में नहीं मिल रहा चीनी सामान
- इस दीवाली भारतीय सामानों का बोलबाला दिख रहा है
Source : Sayyed Aamir Husain