पुलवामा हमले के कारण पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव को देखते हुए थल सेना, वायु सेना के साथ-साथ नौसेना भी पूरी तरह तैयार थी. पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए नौसेना ने आईएनएस विक्रमादित्य और उसके युद्धपोतों और परमाणु पनडुब्बी को उत्तरी अरब सागर के मोर्चो पर तैनात कर दिया था.
इंडियन नेवी के अनुसार, अरब सागर में उसकी भारी भरकम तैनाती और समूचे क्षेत्र पर कड़ी निगरानी के कारण पाकिस्तानी नौसेना की गतिविधियां अरब सागर से लगे मकराना के छोटे से तटीय क्षेत्र तक ही सिमट कर रह गई थी और उनके युद्धपोत तथा अन्य प्लेटफॉर्म अरब सागर में खुले तौर पर आने का साहस नहीं जुटा पा रहे थे.
बता दें कि कुछ दिन पहले नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने चेतावनी दी थी कि आतंकवादियों को समुद्र के रास्ते हमला करने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है. भारत-प्रशांत क्षेत्रीय संवाद को संबोधित करते हुए एडमिरल लांबा ने बिना नाम लिए पाकिस्तान पर आतंकवादियों को बढ़ावा देने को लेकर हमला किया, जिन्होंने पुलवामा में 14 फरवरी को आतंकवादी हमले को अंजाम दिया था जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे.
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नौसेना प्रमुख सुनील लांबा ने कहा, 'यह हिंसा उन आतंकवादियों द्वारा की गई थी, जिन्हें उस देश का समर्थन हासिल है, जो भारत को अस्थिर करना चाहता है. हमारे पास रिपोर्ट है कि आतंकवादियों को समुद्री रास्ते सहित अलग-अलग तरीके से हमला करने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है.'
Source : News Nation Bureau