भारतीय नौसेना की 22वीं मिसाइल वेसल स्क्वाड्रन को बुधवार राष्ट्रपति सम्मानित करेंगे. उसे राष्ट्रपति मानक से नवाजा जाएगा. यह पुरस्कार अपनी विशिष्ट सेवा के लिए एक दुर्लभ सम्मान की तरह देखा जाता है. वेसल स्क्वाड्रन ने 1971 के युद्ध में कराची बंदरगाह पर पाकिस्तानी नौसेना के जहाजों को ध्वस्त कर दिया था. नौसेना के एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी. अधिकारी ने बताया कि इस साल मिसाइल वेसल स्क्वाड्रन, जिसे ‘किलर्स’ के नाम से पुकारा जाता है. इसकी स्थापना के 50 साल पूरे हो गए हैं. इसने बीते पांच दशकों में समुद्र में एक विश्वसनीय आक्रामक क्षमता बनाए रखी है. मिसाइल वेसल स्क्वाड्रन ने ऑपरेशन विजय,ऑपरेशन पराक्रम में भी हिस्सा लिया है और हाल ही में पुलवामा हमले के बाद पनपे तनाव और हमले की आशंका से इसे पाकिस्तान तट से थोड़ी दूरी तैनात किया गया था.
1971 की शुरुआत में कोलकाता में किया गया था कमीशन
22वीं मिसाइल वेसल स्क्वाड्रन को औपचारिक रूप से अक्तूबर 1991 में मुंबई में 10 वीर क्लास और तीन प्रबल क्लास मिसाइल नौकाओं के साथ उतारा गया था, हालांकि, ‘किलर्स’1969 में ही आ गया. 1971 के शुरू में इसे कोलकाता में कमीशन करा गया. भारतीय नौसेना की ताकत को बढ़ाने को लेकर तत्कालीन संयुक्त राष्ट्र से ओएसए I क्लास मिसाइल नौकाओं को शामिल किया गया था.
पाक जहाजों को किया था पस्त
अधिकारी ने कहा कि 1971 में भारत-पाक युद्ध के दौरान पहले ही वर्ष में उन्हें एक अहम मिशन पर तैनात किया गया था. इसमें निर्णायक भूमिका निभाई. 4-5 दिसंबर, 1971 की दरमियानी रात को पाकिस्तानी नौसेना पर एक जबरदस्त हमला किया. अधिकारी ने कहा कि भारतीय नौसेना के जहाजों निर्घाट, निपत और वीर ने अपनी स्टाइक्स मिसाइलें दागीं और पाकिस्तानी नौसेना के खैबर और मुहाफिज जहाजों को मार गिराया था.
Source : News Nation Bureau