Advertisment

रडार को चकमा देने में माहिर स्कॉर्पीन-श्रेणी की तीसरी पनडुब्बी 'करंज' नौसेना में शामिल

देश में निर्मित स्कॉर्पीन-श्रेणी की तीसरी पनडुब्बी 'करंज' बुधवार को नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा की मौजूदगी में नेवी में शामिल की गई। यह पनडुब्बी रडार को चकमा देने की टेक्नोलॉजी से युक्त है।

author-image
Jeevan Prakash
एडिट
New Update
रडार को चकमा देने में माहिर स्कॉर्पीन-श्रेणी की तीसरी पनडुब्बी 'करंज' नौसेना में शामिल

स्कॉर्पीन-श्रेणी की तीसरी पनडुब्बी 'करंज' नौसेना में शामिल (फाइल फोटो)

Advertisment

देश में निर्मित स्कॉर्पीन-श्रेणी की तीसरी पनडुब्बी 'करंज' बुधवार को नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा की मौजूदगी में नेवी में शामिल की गई। यह पनडुब्बी रडार को चकमा देने की टेक्नोलॉजी से युक्त है।

स्कॉर्पिन पनडुब्बी का निर्माण फ्रांस के डीसीएनएस द्वारा प्रौद्योगिकी स्थानांतरण (टेक्नोलॉजी ट्रांसफर) के साथ प्रोजेक्ट 75 के तहत मझगांव डॉकयार्ड लिमिटेड द्वारा किया गया है।

इस श्रेणी की पहली पनडुब्बी 'आईएनएस कलवरी' पिछले साल 14 दिसंबर को लॉन्च की गई थी। वहीं दूसरी पनडुब्बी 'खंडेरी' भी पहले ही लॉन्च की जा चुकी है, जिसका समुद्र में ट्रायल लिया जा रहा है।

क्या है खासियत?

1. अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त स्कॉर्पिन चकमा देने में माहिर है और गाइडेड हथियारों के माध्यम से दुश्मनों पर वार करने में सक्षम है।

और पढ़ें: कासगंज हिंसा पर सीएम योगी ने तोड़ी चुप्पी

2. स्कॉर्पिन पानी के अंदर और सतह पर टॉरपीडो, एंटी-शिप मिसाइल के माध्यम से वार कर सकता है। यह किसी भी रडार की पकड़ में नहीं आएगी। इसका इस्तेमाल इंटेलिजेंस के काम में भी किया जा सकता है।

3. पनडुब्बी में ऑक्सीजन खत्म होने की स्थिति में इसमें ऑक्सीजन बनाने की भी क्षमता है। इसका मतलब यह है कि पनडुब्बी काफी समय तक पानी के भीतर रह सकती है।

4. 'करंज' को 'मेक इन इंडिया' के तहत तैयार किया गया है। पनडुब्बी 67.5 मीटर लंबी, 12.3 मीटर ऊंची, 1565 टन वजनी है।

और पढ़ें: अमेरिका में अब शरणार्थियों को मेरिट के आधार पर मिलेगी जगह- ट्रंप

Source : News Nation Bureau

Indian Navy karanj Submarine Scorpene Mazagon Dock Shipbuilders Limited
Advertisment
Advertisment
Advertisment