विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने कहा कि भारत की एक नर्स कोरोना वायरस से पीड़ित पाई गई है और उसका इलाज सऊदी अरब में चल रहा है. हालांकि यह वायरस चीन के शहर वुहान से अलग है. पीड़ित नर्स और उसकी करीब 100 सहकर्मियों की जांच की गई थी. इनमें से ज्यादातर नर्स केरल की हैं. विदेश राज्य मंत्री ने कहा कि पीड़ित नर्स का इलाज असीर नेशनल हॉस्पिटल में चल रहा है और वह स्वस्थ हो रही हैं. एक ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘करीब 100 भारतीय नर्स (जिनमें से ज्यादातर केरल की हैं, अल-हयात अस्पताल में) काम कर रहीं थी और उनकी जांच की गई. सिर्फ एक नर्स कोरोना वायरस से पीड़ित पाईं गईं. असीर नेशनल हॉस्पिटल में उनका इलाज चल रहा है और वह स्वस्थ हो रही हैं.’ मुरलीधरन ने बताया कि उन्होंने जेद्दा में भारतीय वाणिज्य दूतावास से संपर्क किया है. उन्होंने कहा, ‘दूतावास के लोग अस्पताल प्रबंधन और सऊदी के विदेश मंत्रालय के संपर्क में हैं. हमने अपने दूतावास से सभी संभव सहायता पहुंचाने के लिए कहा है.’
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हालांकि जेद्दा में भारतीय दूतावास ने यह स्पष्ट किया है कि वह नर्स कोरोनावायरस-सीओवी से पीड़ित हैं. वह 2019-एनसीवो (वुहान) से पीड़ित नहीं हैं. दूतावास ने कहा कि वह सभी से आग्रह करता है कि गलत जानकारी साझा करने से बचें. कोरोना वायरस-सीओवी के पहले मामले की पहचान सऊदी अरब में 2012 में हुई थी जबकि वुहान का कोरोना वायरस नोवेल वन यानी यह एकदम नया है.
दूसरी ओर, चीन में कोरोना वायरस विषाणु के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 25 हो गई है और इससे 830 लोगों के पीड़ित होने की पुष्टि हुई है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने बताया कि इस विषाणु के कारण 25 लोगों की मौत हुई है जिनमें से 24 की मौत मध्य चीन के हुबेई प्रांत में और एक की मौत उत्तरी चीन के हेबेई में हुई हे. उसने बताया कि गुरुवार तक कोरोना वायरस के कारण निमोनिया से पीड़ित होने के 830 मामलों की पुष्टि हुई है.
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आयोग ने बताया कि देश के 20 प्रांतीय स्तर के क्षेत्रों में कुल 1072 संदिग्ध मामले सामने आए हैं. चीन ने कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए अभूतपूर्व कदम उठाते हुए बृहस्पतिवार को वुहान सहित पांच शहरों को सील कर दिया था. चीनी नववर्ष के पहले सड़कों पर भीड़भाड़ बढ़ने के मद्देनजर गाड़ियों, ट्रेनों और विमानों समेत आवागमन के विभिन्न माध्यमों को रोक दिया गया है. इन शहरों में तकरीबन दो करोड़ लोग रहते हैं.
चीनी अधिकारियों ने बृहस्पतिवार शाम हुबेई प्रांत में पांच शहरों - हुगांग, एझाओ, झिजियांग, क्विनजिआंग और वुहान में सार्वजनिक परिवहन को रोकने की घोषणा की. इस विषाणु से मरने वालों की औसत उम्र 73 साल है . मृतकों में सबसे उम्रदराज शख्स 89 साल का था जबकि सबसे कम उम्र के लिहाज से 48 साल के व्यक्ति की मौत हुई. भारतीय दूतावास ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि चीनी अधिकारियों ने प्रांत में रह रहे भारतीयों को खाद्य आपूर्ति सहित सभी सहयोग का आश्वासन दिया है. भारत के लिहाज से भी चिंता की वजह है क्योंकि करीब 700 भारतीय छात्र वुहान और आसपास के इलाके में रहते हैं. इन छात्रों में ज्यादातर चीनी विश्वविद्यालयों में चिकित्सा की पढ़ाई करते हैं.
Source : Bhasha