कभी वायसराय हाउस के नाम से पहचाने जाने वाले भारत के राष्ट्रपति के 340 कमरे वाले भव्य एवं विशाल आधिकारिक आवास पर 11 खंडों में पुस्तक के साथ ही इसका डिजिटल स्वरूप भी तैयार हो गया है।
सभी खंडों में ऐतिहासिक इमारत का पूरा ब्योरा दिया गया है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र (आईजीएनसीए) के सहयोग से सहपीडिया द्वारा शुरू की गई यह महत्वाकांक्षी परियोजना अब इस गैर लाभकारी संस्था की वेबसाइट पर संक्षिप्त वेब आधारित मॉड्यूल के रूप में उपलब्ध हो जाएगी।
महान ब्रिटिश वास्तुकार एडविन लुटियन द्वारा डिजाइन किया गया और निर्मित, वास्तु पर आधारित, इस प्रतिष्ठित और भव्य राष्ट्रपति भवन पर जानकारी चाहने वालों के लिए यह काफी मूल्यवान साबित होगा।
पिछले हफ्ते राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने परियोजना से जुड़े सहपीडिया की कोर टीम के साथ ही सहायक विशेषज्ञों से मुलाकात की और परियोजना की पूर्णता को लेकर जिम्मेदारी सौंपी थी।
भारत की कला, संस्कृति और विरासत पर एक खुला ऑनलाइन स्रोत, सहपीडिया ने इस परियोजना पर 2014 में काम शुरू किया और राष्ट्रपति भवन के वास्तुकला, कला, उद्यान और इतिहास जैसे विभिन्न पहलुओं को बहुत ही खूबसूरती से सचित्र पुस्तकों के रूप में संकलित किया है। ये खरीद के लिए अमेजन इंडिया पर और प्रकाशन विभाग की बिक्री काउंटरों पर उपलब्ध हैं।
साहपीडिया के परियोजना प्रबंधक यशस्विनी चंद्रा ने कहा, 'हमने पुस्तकों के साथ-साथ वेब मॉड्यूल की एक श्रृंखला तैयार की है और जल्द ही उन सभी को साहपीडिया की साइट पर अपलोड कर दिया जाएगा। ये इमारत के इतिहास और विरासत की बेहतर समझ हासिल करने के लिए शोधकर्ताओं और आम लोगों के लिए मूल्यवान होंगे।'
पुस्तकों के 11 खंडों में सात मुख्य खंड और चार अतिरिक्त खंड हैं, इसके अलावा दो खंड बच्चों के लिए भी हैं। सभी खंडों में ऐतिहासिक इमारत का पूरा ब्यौरा दिया गया है।
पुस्तकों की सूची में शामिल हैं 'राइट ऑफ लाइन: द प्रेसिडेंट्' 'बॉडीगार्ड', 'द प्रेसिडेंसियल र्रिटीट्स ऑफ इंडिया', 'फस्र्ट गार्डेन ऑफ द रिपब्लिक: नेचर इन द प्रेसिडेंट्', 'इस्टेट', 'ए वर्क ऑफ ब्यूटी: द आर्टेक्चर एंड लैंडस्केप ऑफ राष्ट्रपति भवन', 'द आर्ट्स एंड इंटीरियर्स ऑफ राष्ट्रपति भवन: लुटियन्स एंड बेयंडस, 'एराउंड इंडियाज', 'फस्र्ट टेबल: डायनिंग एंड इंटरटेनिंग एट द राष्ट्रपति भवन' और 'लाइफ एट राष्ट्रपति भवन'।
सहपीडिया ने भारत के सांस्कृतिक विरासत का काफी प्रलेखन किया है और इसका उद्देश्य देश की ²श्य और प्रदर्शन कला, साहित्य और भाषाओं के ज्ञान संसाधन आधार को बनाना है।
चालू कैलेंडर वर्ष में, विश्वकोष संस्था ने देश भर में फैले लगभग 20-25 परियोजनाओं पर काम करने की योजना बनाई है।
Source : IANS