Indian Railway: श्रमिक स्पेशल ट्रेनों (Shramik Special Trains) की मांग अब घटनी शुरू हो गई है. दरअसल, जैसे-जैसे श्रमिक अपने गंतव्य को पहुंच रहे हैं वैसे ही इन ट्रेनों की मांग में भी कमी दिखाई पड़ने लग गई है. रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव (Vinod Kumar Yadav, Chairman Railway Board) के मुताबिक अबतक 4,286 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के जरिए 58 लाख प्रवासी मजदूरों को उनके नियत स्थानों पर पहुंचा जा चुका है.
हालांकि अब इन ट्रेनों की मांग 250 से घटकर 137 ट्रेन रोजाना रह गई है. उन्होंने कहा कि रेलवे ने पिछले 2 दिन में सिर्फ 56 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया है.
4,286 shramik special trains carrying over 58 lakh migrants to their destined places have been operated till now. The demand for these trains has decreased from 250 to about 137 per day. We operated 56 trains in the last 2 days: Vinod Kumar Yadav, Chairman Railway Board pic.twitter.com/eWNUwx0HKI
— ANI (@ANI) June 6, 2020
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केंद्र ने न्यायालय से कहा, पानी, खाने की आपूर्ति नहीं होने से किसी प्रवासी श्रमिक की मौत नहीं हुई
केंद्र ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि पानी, भोजन और दवा की आपूर्ति नहीं होने के कारण किसी मजदूर की मौत नहीं हुयी है और ऐसी घटनाओं का कारण लोगों का पहले से बीमार होना है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पूरा देश मिलकर काम कर रहा है और अदालत में दी गयी कई दलीलें जमीनी सच्चाई से संबंधित नहीं हैं. सॉलिसिटर जनरल ने न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा कि पानी, भोजन या दवा की आपूर्ति नहीं होने के कारण कोई मौत नहीं हुई है. ये मौतें पहले से ही बीमार होने के कारण हुयी हैं. पीठ प्रवासी श्रमिकों की परेशानियों के संबंध में स्वत: संज्ञान लेते हुए एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी. पीठ ने मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. पीठ ने कहा कि वह केंद्र और राज्य सरकारों को सभी इच्छुक प्रवासी श्रमिकों को मूल स्थानों पर भेजने के लिए 15 दिनों का समय देगी। सॉलिसिटर जनरल का बयान इन आरोपों के मद्देनजर महत्वपूर्ण है कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में कई लोगों की मौत हो गई. 27 मई को खबर थी कि 48 घंटों के दौरान कम से कम नौ यात्रियों की ट्रेनों में मौत हो गयी. रेलवे ने कहा था कि वे सभी पहले से बीमार थे.
पूर्व तट रेलवे श्रमिक विशेष ट्रेनों में जन्म लेने वाले शिशुओं को उपहार देगा
पूर्व तट रेलवे अब श्रमिक विशेष ट्रेनों में जन्म लेने वाले शिशुओं को उपहार देगा. शुक्रवार को एक नवजात शिशु की मां को उपहार देकर रेलवे ने इस पहल की शुरुआत की. रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि पूर्व तट रेलवे (ईसीओआर) के अधिकारी स्वैच्छिक रूप से उपहार देंगे, यह नकद या किसी सामान के रूप में हो सकता है. अधिकारी ने बताया कि भारतीय रेलवे में श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में कई बच्चों के जन्म लेने की अच्छी खबरें आयी हैं, जिसे अच्छा और शुभ माना जाता है. ईसीओआर जोन का भौगोलिक क्षेत्र तीन राज्यों में फैला हुआ है, जिसमें पूरा ओडिशा और छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश के कुछ जिले शामिल हैं. इस जोन का मुख्यालय भुवनेश्वर में स्थित है.
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ईसीओआर के महाप्रबंधक विद्या भूषण ने शुक्रवार को घोषणा की कि रेलवे जोन के अधिकारी व्यक्तिगत और स्वैच्छिक आधार पर जोन के अधिकार क्षेत्र में जन्मे नवजात शिशुओं को उपहार देंगे. इस अच्छी पहल के तहत जीएम ने खुद शुक्रवार सुबह ओडिशा के बलांगीर जिले के टिटिलागढ़ में एक श्रमिक विशेष ट्रेन में जन्मे बच्चे के लिए 5,000 रुपये की उपहार राशि भेजी. अधिकारी ने बताया कि यह उपहार बच्चे की 19 वर्षीय मां मीना कुंभार को भेजा गया. रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि मई में जब से श्रमिक विशेष ट्रेनें चलनी शुरू हुई हैं, तब से ट्रेनों में 37 बच्चों का जन्म हुआ है.